बिलासपुर जिले के मस्तूरी थाना क्षेत्र के गतौरा गांव में क्लिन कोल वाशरी में हुए एक दर्दनाक हादसे ने क्षेत्र को हिला कर रख दिया। हाईटेंशन तार की चपेट में आने से दो ट्रेलर चालक गंभीर रूप से झुलस गए। इलाज के दौरान एक चालक ने दम तोड़ दिया, जबकि दूसरा जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा है। यह हादसा न केवल व्यक्तिगत क्षति है, बल्कि औद्योगिक प्रबंधन में लापरवाही की गंभीरता को भी उजागर करता है।
घटना उस समय हुई जब एक हाइड्रोलिक ट्रेलर 11KV हाईटेंशन तार के संपर्क में आ गया। ट्रेलर चालकों को यह अंदेशा नहीं था कि आसपास इस तरह के खतरनाक तार मौजूद हैं। जैसे ही ट्रेलर तार से टकराया, एक जोरदार धमाका हुआ और दोनों चालक करंट की चपेट में आ गए। घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई, और स्थानीय लोग व कर्मचारी घायलों को तुरंत अस्पताल लेकर पहुंचे।
हादसे के बाद घटनास्थल का जायजा लेने पर स्पष्ट हुआ कि वाशरी प्रबंधन ने हाईटेंशन तारों के आसपास किसी भी प्रकार के सुरक्षा उपाय नहीं किए थे। इस तरह के औद्योगिक क्षेत्रों में सुरक्षा मानकों का पालन किया जाना अनिवार्य है, लेकिन यहां सुरक्षा की घोर अनदेखी की गई।
विशेषज्ञों के अनुसार, हाईटेंशन तारों के पास चेतावनी संकेत, बैरिकेड्स और इन्सुलेशन जैसे उपाय होने चाहिए थे, जिससे इस प्रकार के हादसों को रोका जा सकता था।
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में वाशरी प्रबंधन की लापरवाही की पुष्टि हो रही है। पुलिस ने घटना के लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या उद्योगों में काम कर रहे श्रमिकों और चालकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है। ऐसे क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों की अनदेखी केवल कानूनी अपराध नहीं, बल्कि मानवीय जीवन के साथ खिलवाड़ भी है।
हादसे में मारे गए चालक के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार इस हादसे के बाद सरकार और प्रबंधन से मदद की गुहार लगा रहा है। घायल चालक का इलाज जारी है, लेकिन उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि सुरक्षा उपायों की अनदेखी जानलेवा साबित हो सकती है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई करें और पीड़ित परिवारों को मुआवजा देकर उनके भविष्य को सुरक्षित बनाएं।
यह हादसा केवल एक दुर्घटना नहीं, बल्कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी और लापरवाही का परिणाम है। औद्योगिक क्षेत्रों में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की सख्त जरूरत है।