रायपुर: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को एक बड़ा कदम उठाते हुए राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई शराब घोटाले के तहत चल रही जांच के हिस्से के रूप में की गई।
छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले का मामला काफी समय से सुर्खियों में है। यह आरोप है कि इस घोटाले के तहत सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर राजस्व का नुकसान किया गया। ED ने मामले की जांच में पाया कि घोटाले में कई महत्वपूर्ण हस्तियों और अधिकारियों की संलिप्तता रही है।
बुधवार सुबह कवासी लखमा को रायपुर स्थित ED कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया। कई घंटों की पूछताछ के बाद ED ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों के अनुसार, इस दौरान उनके बेटे हरीश लखमा से भी पूछताछ की गई थी, लेकिन उन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
गिरफ्तारी के तुरंत बाद ED की टीम कवासी लखमा को कोर्ट लेकर रवाना हो गई। वहां उनकी पेशी की तैयारी की जा रही है। ED का दावा है कि उनके पास इस मामले में लखमा के खिलाफ ठोस सबूत हैं।
कवासी लखमा छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ आदिवासी नेता और कांग्रेस पार्टी के प्रमुख चेहरों में से एक हैं। उन्होंने प्रदेश में विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी संभाली है। उनकी गिरफ्तारी ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है।
इस गिरफ्तारी पर राज्य की राजनीति गरमा गई है। विपक्षी दल भाजपा ने इसे सरकार की नाकामी बताया और मांग की कि मामले में शामिल अन्य लोगों पर भी कार्रवाई हो। वहीं, कांग्रेस पार्टी का कहना है कि यह राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा हो सकता है।
इस घोटाले से जुड़े कई अन्य लोगों से भी पूछताछ चल रही है, और ED जल्द ही और गिरफ्तारियां कर सकती है। छत्तीसगढ़ में यह मामला आगामी चुनावों से पहले बड़ा मुद्दा बन सकता है।
कवासी लखमा की गिरफ्तारी ने छत्तीसगढ़ में राजनीति और प्रशासन दोनों को झकझोर कर रख दिया है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जांच आगे किस दिशा में जाती है और इसका राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।