ताज़ाख़बर36गढ़:- दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार कल्पेश याग्निक की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई है. कहा जा रहा है कि मौत से कुछ दिन पहले वें एक पुलिस अधिकारी से मिले और एक महिला पत्रकार द्वारा उन्हें झूठे मामले में फंसाने की धमकी की बात कही थी. मामले पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम इस मामले की निश्चित तौर पर उचित जांच कराएंगे.’ मुख्यमंत्री शिवराज चौहान ने कहा, ‘जो भी कल्पेश याग्निक की मौत का कारण है, उसे बख्शा नहीं जाएगा, उसे कड़ी से कड़ी सज़ा दिलाई जाएगी. साथ ही उन्होंने एडीजी को जो पत्र सौंपा है उसे अनदेखा नहीं किया जाएगा. जो कोई भी उनकी मौत के पीछे का कारण है उसे सामने लाना ज़रूरी है.
कहा गया था कि उनकी मौत हार्ट अटैक से हुई जबकि पुलिस को अंदेशा है कि उन्होंने एबी रोड स्थित दैनिक भास्कर ऑफिस की तीसरी मंजिल से कूदकर अपनी जान दी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उनकी कई हड्डियां टूटी हुई होने का जिक्र है .इस बीच, इंदौर रेंज के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अजय कुमार शर्मा ने इस बात की पुष्टि की कि याग्निक अपने छोटे भाई के साथ करीब 10-12 दिन पहले उनसे मिलने आए थे.
उन्होंने कहा कि इस मुलाकात के दौरान याग्निक ने उन्हें बताया था कि उनके अख़बार की नौकरी से निकाली गई एक महिला पत्रकार बहाली के लिए उन पर कथित रूप से दबाव बना रही है. इसके साथ ही, उन्हें कथित तौर पर धमका रही है कि अगर वह उसे दोबारा नौकरी पर नहीं रखवाएंगे तो वह उन्हें किसी झूठे मामले में फंसा देगी. एडीजी ने महिला पत्रकार के नाम का खुलासा किए बगैर बताया, ‘याग्निक ने हमसे अनुरोध किया था कि अगर वह महिला पत्रकार पुलिस को उनके खिलाफ कोई शिकायत करती है, तो इस शिकायत पर किसी तरह का कानूनी कदम उठाए जाने से पहले एक बार उनका पक्ष भी सुना जाए.’
उन्होंने बताया कि याग्निक ने अपने इस अनुरोध को लेकर उन्हें एक औपचारिक आवेदन पत्र भी सौंपा था. लेकिन उन्होंने संबंधित महिला पत्रकार के खिलाफ किसी कानूनी कार्रवाई की मांग पुलिस से नहीं की थी. शर्मा ने बताया कि उन्होंने याग्निक के आवेदन को शहर के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) हरिनारायणचारी मिश्र को भेज दिया था. उन्होंने बताया, ‘संदिग्ध हालात में याग्निक की मौत के मद्देनज़र हमने इस आवेदन को केस डायरी में शामिल कर लिया है. हम जांच कर रहे हैं कि कहीं इस पत्र की इबारत का याग्निक की मौत से कोई संबंध तो नहीं है.’