बिलासपुर । बिना आरोप पत्र के महिला पटवारी नीतू सिन्हा विगत 30 दिनों से बहाली के लिए बिलासपुर कलेक्टर से गुहार लगा रही है परंतु उस महिला पटवारी को बहाली के नाम पर भू अभिलेक की पटवारी शाखा में पदस्त लिपिका प्रीति ठाकुर के द्वारा प्रताड़ना झेलने विवश होना पड़ रहा है। स्वयं के परिवार की एकमात्र कमाने वाली निलंबित महिला पटवारी की वर्तमान में बहाली न होने से पूरे परिवार के साथ जीवन यापन करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जिसके लिए जिला प्रशासन जिम्मेदार है।
ज्ञात हो कि विगत दो माह पूर्व जिला प्रशासन द्वारा जिले के कुछ पटवारियों को निलंबित किया गया था । जिसमें निलंबितो का नियमतः 45 दिनों के भीतर आरोप पत्र दिया जाता है तथा 45 दिनों की समयावधि में आरोप पत्र नही दिए जाने की स्तिथि में निलंबित पटवारी स्वतः बहाल माना जाता है तथा निलंबन की अवधि को 90 दिनों तक करने के लिए राज्य शासन से अनुमति ली जाती है और प्रभावित को सूचनार्थ किया जाता है । परन्तु भू अभिलेक की पटवारी शाखा में पदस्थ लिपिका के कारण न तो आरोप पत्र दिया और न ही निलंबन अवधि बढ़ाने की कोई सूचना पीड़ित पटवारी को प्रदान की गई है। अंततः प्रताड़ना से तंग आकर बिलासपुर कलेक्टर से लिखित शिकायत कर पीड़ित पटवारी न्याय की गुहार लगाई है जिसपर कार्यवाई शेष है।
पीड़ित पटवारी नीतू सिन्हा के साथ जिले के अन्य पटवारी भी निलंबित हुए थे । जिसमे से तखतपुर के दो पटवारी राजेन्द्र पांडेय और लता इदयानी जिन्हें 45 दिनों तक आरोप पत्र प्राप्त नही होने की स्तिथि में स्वतः बहाल कर दिया गया परंतु नीतू सिन्हा जिनके ऊपर परिवार की जिम्मेदारी बहुत है को बहाल नही किया गया । सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नीतू सिन्हा की निलंबन अवधि 90 दिनों तक कर दी गई है।