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अगर ATM से नहीं निकल रहे पैसे, तो कर सकते हैं बैंक पर केस

यदि ए.टी.एम. से पैसे नहीं निकलते हैं तो अब इसे भी सेवा में कमी माना जाएगा। इस मामले में उपभोक्ता फोरम ने इसे बैंक की सेवा में कमी मानते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया पर ढ़ाई हजार रुपए का जुर्माना लगाया। बैंक अफसरों का मानना है कि ए.टी.एम. से पैसे न निकलने पर बैंक पर जुर्माने का संभवत: यह पहला मामला है।

दरअसल शहर के अधिवक्ता राजीव अग्रवाल 25, 26 और 30 अप्रैल, 2017 को पैसे निकालने गए तो एस.बी.आई. के ए.टी.एम. से रुपए नहीं निकले। उन्होंने इस संबंध में 4 मई, 2017 को उपभोक्ता फोरम में याचिका दायर कर दी। फोरम के सामने बैंक की ओर से एक अनोखा तर्क भी दिया गया। बैंक ने फोरम से कहा कि चूंकि ए.टी.एम. इंटरनैट कनैक्टिविटी से चलता है इसलिए ए.टी.एम. यूजर्स जिस समय ए.टी.एम. का उपयोग करता है उस समय वह सीधे तौर पर हमारा ग्राहक नहीं है इसलिए ए.टी.एम. से पैसे न निकलने पर इसे सेवा में कमी नहीं माना जा सकता। इस पर फोरम ने कहा कि बैंक ए.टी.एम. को लेकर ग्राहक से हर साल शुल्क वसूलते हैं तो फिर इस तर्क का कोई मतलब नहीं कि वे हमारे ग्राहक नहीं। फोरम ने बैंक का तर्क पूरी तरह से नकार दिया।

फोरम का बयान

याचिकाकर्ता ने बतौर सबूत फोरम के सामने ए.टी.एम. से पैसे निकलवाने के समय के फोटो और वीडियो रिकॉॄडग प्रस्तुत की। फोरम ने माना कि उपभोक्ता द्वारा अलग-अलग समय पर ए.टी.एम. जाना और हर बार कैश नॉट अवेलेबल का मैसेज स्क्रीन पर शो होना सेवा में कमी है। फोरम ने याचिका स्वीकार कर ली। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद फोरम ने आदेश दिया कि बैंक ने ग्राहक को ए.टी.एम. कार्ड से संबंधित त्रुटि रहित सेवाएं नहीं दी हैं इसलिए इसे सेवा में कमी माना जाएगा। ऐसे में बैंक परिवादी को मानसिक पीड़ा की प्रतिपूर्तिके लिए 1500 रुपए और परिवाद व्यय के लिए 1000 रुपए 30 दिन के भीतर अदा करे।

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