बिलासपुर। बिलासपुर तहसील के रमतला गांव में जालसाजी कर जमीन बेचने का मामला सामने आया है। यहां सेवा के बदले मिली पट्टे की पांच एकड़ जमीन को निजी बताकर बेच दिया गया है। जमीन आज भी राजस्व दस्तावेज में पट्टा मद में दर्ज है। इसका खुलासा पटवारी की जांच में हुआ है।
बिलासपुर तहसील मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर रमतला पंचायत है। आजकल के पास मौजूद दस्तावेज के मुताबिक चांटापारा निवासी भूतपूर्व सैनिक भोलाजी गाढ़े को सेवा के बाद में मध्यप्रदेश सरकार ने 1971 में पांच एकड़ जमीन दी थी। यह जमीन पट्टे के रूप में उनके नाम पर खसरा नंबर 1361/1 में दर्ज की गई। 1993-94 और 1994-95 में में यह जमीन भोलाजी के नाम पर ही दर्ज थी। भोलाजी गाढ़े के तीन पुत्र थे। अशोक राव, बसंत राव व जीवन राव। 15 जनवरी 1988 को भोला जी गाढ़े की मौत हो गई। इसके 9 माह बाद यानी कि 9 सितंबर 1988 को बड़े बेटे अशोक राव की मृत्यु हो गई। अशोक की मौत के बाद बसंत और जीवन ने सत्र 2000 तहसील कार्यालय में फौत उठाने के लिए आवेदन किया। वहां से आदेश होने के बाद दोनों के नाम पर पांच एकड़ जमीन चढ़ा दी गई। दोनों भाइयों ने उस समय के पटवारी से मिलीभगत कर दस्तावेज में छेड़छाड़ कर जमीन को निजी मद में चढ़वा दिया। इसके बाद 2000-01 में दोनों भाइयों ने यह जमीन चांटापारा निवासी नंदकिशोर पिता भागीरथी लोधी को बेच दी। रजिस्ट्री पेपर में गवाह के रूप में नूतन कॉलोनी के मेघनाथ केंवट पिता गणेश केंवट और सरकंडा निवासी शिवशंकर यादव ने हस्ताक्षर किए हैं।
रजिस्ट्री पेपर में लिखा- पट्टे से नहीं मिली है जमीन
दोनों भाइयों बसंत और जीवन राव ने रजिस्ट्री पेपर में यह लिखकर दिया है कि मप्र रा. सं. की धारा 165/6/7 अ का और सिलिंग एक्ट की किसी भी धारा का उल्लंघन नहीं हुआ है। बिक्रीशुदा जमीन भूदान, यज्ञ या शासकीय पट्टे से प्राप्त नहीं हुई है। इस बिक्रीनामे में किसी भी शासकीय नियमों का उल्लंघन नहीं किया गया है। यदि उल्लंघन मिलता है तो उभय पक्ष जिम्मेदार होंगे।
पोते की शिकायत पर खुला राज
भोलाजी राव के बड़े बेटे अशोक के पुत्र ने मामले की शिकायत 24 जून 2017 को बिलासपुर एसडीएम से की थी। उसने सारे दस्तावेज सौंपे थे और जमीन की फर्जी तरीके से बिक्री की जानकारी दी थी। एसडीएम ने तहसीलदार को जांच कराने कहा था। तहसीलदार के निर्देश पर रमतला पटवारी ने जांच की और प्रतिवेदन अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गबेल को सौंप दिया है। इसमें खुलासा हुआ है कि दोनों भाइयों ने तत्कालीन पटवारी से मिलीभगत कर शासकीय पट्टे की जमीन को निजी बताकर बेच दिया है।
अतिरिक्त तहसीलदार बोले- जमीन बेचने वालों को नोटिस
मामले में बिलासपुर के अतिरिक्त तहसीलदार नारायण गबेल का कहना है कि पटवारी की जांच में शासकीय पट्टे की जमीन को बेचने की पुष्टि हुई है। जांच रिपोर्ट के आधार पर जमीन बेचने वाले दोनों भाइयों और खरीदार को नोटिस जारी किया गया है। उनसे पूछा गया है कि उन्होंने किसी आधार पर जमीन बेची और खरीदार ने किस आधार पर खरीदी। उन्होंने कहा कि उनका जवाब आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।