प्रियंका ने की हेल्प
सूत्रों का कहना है कि नतीजे आने के बाद प्रियंका गांधी ने यह जानते हुए भी कि कांग्रेस की तुलना में जेडीएस को आधी सीटें मिली हैं, राहुल गांधी को सलाह दी कि वह मुख्यमंत्री का पद कुमारस्वामी को ऑफर करें. सोनिया गांधी ने पहले कांग्रेस के सीनियर नेता और कर्नाटक में मौजूद गुलाम नबी आजाद से बात की. इसके बाद उन्होंने देवगौड़ा और उनके बेटे कुमारस्वामी से फोन पर बात की.
राहुल के लीडरशिप पर उठे सवाल
गठबंधन के लिए सोनिया गांधी के आगे आने से एक बार फिर राहुल गांधी की लीडरशिप पर सवाल खड़े हो रहे हैं. कांग्रेस के नेताओं का ही कहना है कि अब भी राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के दौर पर स्वीकार करने के लिए विपक्ष के नेता तैयार नहीं हैं. गौरतलब है कि कांग्रेस ने तय किया था कि अगर 100 सीटों से ज्यादा आया तो सीएम सिद्धारमैया ही होंगे लेकिन अगर सीटें 100 से नीचे रहीं तो दूसरे विकल्पों पर विचार किया जाएगा. इस चुनाव में कांग्रेस को 78 सीटें ही मिल पाई वहीं जेडीएस को 38 सीटें मिली हैं. दोनों गठबंधन की सरकार बनाने के लिए राज्यपाल से मिल चुकी हैं.
सोनिया को सामने आना पड़ा
सोनिया गांधी के फोन के बाद कर्नाटक भेजे गए गुलाम नबी आजाद और अशोक गहलोत ने जेडीएस से बातचीत की और उन्हें गठबंधन के लिए राजी किया. इसके बाद दोनों पार्टी के नेता होटल में मिले और कुमार स्वामी ने राज्यपाल को लेटर लिख सरकार बनाने का दावा पेश किया.
नवंबर में फिर होगी राहुल की परीक्षा
सूत्रों का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सोनिया गांधी एक बार फिर राजतनीत में पूरी दमखम के साथ उतर सकती हैं. हालांकि उनकी तबीयत उनका साथ नहीं दे रही. कर्नाटक के बाद राहुल गांधी की परीक्षा खत्म नहीं हुई है. अभी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में राहुल का अगला इंम्तेहान होगा. इन राज्यों में कांग्रेस का मुकाबला सीधे बीजेपी से है.