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आचार संहिता के बाद रात के समय एसएमएस या फोन कॉल से चुनाव प्रचार करने पर रोक


(ताज़ाख़बर36गढ़) चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद उम्मीदवार रात के समय प्रचार अभियान थमने पर मतदाताओं को फोन कॉल, एसएमएस या व्हाट्सएप संदेश के जरिये वोट मांगने की अपील नहीं कर सकेंगे. निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में संशोधित दिशा-निर्देश जारी कर भविष्य में होनेवाले चुनावों के लिए यह प्रतिबंध लागू किया है.

इसके तहत चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद प्रतिदिन रात दस बजे से सुबह छह बजे तक की वह अवधि शामिल है जिसमें चुनाव प्रचार निषिद्ध होता है. चुनाव आयोग के सचिव एनटी भूटिया द्वारा हाल ही में सभी राज्यों और संघशासित क्षेत्रों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को जारी निर्देश में यह स्पष्टीकरण दिया गया है. मौजूदा व्यवस्था में उम्मीदवार आचार संहिता लागू होने के बाद दिन में ही संवाद एवं संचार के सभी माध्यमों से प्रचार अभियान चला सकते हैं. प्रचार अभियान संबंधी मौजूदा दिशा-निर्देशों के तहत उम्मीदवार रात को दस बजे से सुबह छह बजे तक प्रचार थमने की अवधि में लाउडस्पीकर या सभाएं आयोजित कर प्रचार नहीं कर सकते हैं. हालांकि, इस अवधि में उम्मीदवार घर-घर जाकर या फोन कॉल एवं एसएमएस आदि को प्रचार का माध्यम बना लेते थे.

आयोग ने प्रतिबंध का दायरा बढ़ाते हुए इसमें फोन कॉल, एसएमएस और व्हाट्सएप संदेश एवं घर घर जाकर वोट मांगने को भी शामिल कर दिया है. आयोग ने इसके पीछे नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति या व्यवधान को रोकने को मुख्य वजह बताया है. आयोग ने उच्चतम न्यायालय के एक फैसले के हवाले से इस साल 20 अप्रैल को जारी निर्देश में संशोधन करते हुए यह व्यवस्था लागू की है. निर्देश में आयोग ने कहा ‘नागरिकों की निजता का सम्मान करने और सामान्य जनजीवन में अशांति को कम करने के लिये ऐसा करना आवश्यक है.’

आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को इस निर्देश से सभी संबद्ध जिला निर्वाचन अधिकारियों, अन्य चुनाव अधिकारियों और सभी राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय मान्यता प्राप्त एवं गैर मान्यता प्राप्त पंजीकृत राजनीतिक दलों को अवगत कराते हुए इसका पालन सुनिश्चित करने को कहा है. इसका उल्लंघन होने पर मतदाता चुनाव आयोग के ‘सी विजिल’ मोबाइल एप के जरिये शिकायत कर सकेंगे. उल्लेखनीय है कि इस साल के अंत में पांच राज्यों में होनेवाले विधानसभा चुनाव और अगले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ओ पीरावत ने हाल ही में इस एप को लांच किया था.

चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन सहित अन्य किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की सी विजिल के जरिये की गयी शिकायत पर सौ मिनट के भीतर तत्काल प्रभावी कार्रवाई करना अनिवार्य है. शिकायतकर्ता के मोबाइल फोन की लोकेशन के आधार पर संबद्ध निर्वाचन अधिकारी को इस पर तत्काल कार्रवाई करना बाध्यकारी है. एंड्रॉयड आधारित इस एप की मदद से कोई भी नागरिक चुनावी गड़बड़ी की तस्वीर अथवा वीडियो के जरिये शिकायत कर सकता है. इस एप का कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान बेंगलुरु विधानसभा क्षेत्र में सफल प्रायोगिक परीक्षण किया जा चुका है.

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