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अब विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक का विलय होकर बनेगा देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक


(ताज़ाख़बर36गढ़) सरकार ने सोमवार को सार्वजनिक क्षेत्र के तीन बैंकों-बैंक आफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक का आपस में विलय फैसला किया है। योजना की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे बैंक और मजबूत होंगे तथा उनकी कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी। इसके साथ देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक अस्तित्व में आएगा। यह निर्णय बैंकों की कर्ज देने की ताकत उबारने और आर्थिक वृद्धियों को गति देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

वित्त मंत्री ने कहा कि कई बैंक नाजुक स्थिति में हैं और इसका कारण अत्यधिक कर्ज तथा फंसे कर्ज (एनपीए) में वृद्धि है। उन्होंने कहा, ‘‘विलय के बाद अस्तित्व में आनी वाली इकाई बैंक गतिविधियां बढ़ाएंगी.’’ एसबीआई की तरह विलय से तीनों बैंकों के कर्मचारियों की मौजूदा सेवा शर्तों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

आपको बता दें कि सरकार की 21 बैंकों में बहुलांश हिस्सेदारी है। इन बैंकों की एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बैंक परिसपंत्ति में दो तिहाई से अधिक हिस्सेदारी है। हालांकि इसके साथ इन सार्वजनिक बैंकों का फंसे कर्ज में भी बड़ी हिस्सेदारी है। इस डूबे कर्ज के कारण बैंकिंग सेक्टर प्रभावित है और वैश्विक बासेल- तीन पूंजी नियमों के अनुपालन के लिए अगले दो साल में करोड़ों रुपये चाहिए।

वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि तीनों बैंकों के निदेशक मंडल विलय प्रस्ताव पर विचार करेंगे। ‘इस विलय से परिचालन दक्षता और ग्राहकों की मिलने वाली सेवा बेहतर होगी। कुमार ने कहा कि नेटवर्क, कम-लागत जमा और अनुषंगी इकाइयों के मामले में बेहतर तालमेल होगा। उन्होंने कहा कि कर्मचारियो के हितों तथा ब्रांड इक्विटी का संरक्षण किया जाएगा।

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