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देश

चुनाव आयोग को पता ही नहीं कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के लिए कितनी ईवीएम की जरूरत


देश में एक साथ लोकसभा और सभी राज्यों के चुनाव कराने के लिए कितने ईवीएम और वीवीपीएटी की जरूरत होगी, इस बात की जानकारी निर्वाचन आयोग के पास नहीं है। यह बात एक आरटीआई (सूचना का अधिकार) में मांगी गई जानकारी में सामने आई है।

पुणे के रहने वाले विहार धुर्वे ने आरटीआई आवेदन के जरिये निर्वाचन आयोग से यह बताने को कहा था कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ होने की स्थिति में आयोग के पास कितने ईवीएम और वीवीपीएटी उपलब्ध है और कितने ईवीएम व वीवीपीएटी की जरूरत होगी। 

चुनाव आयोग ने दिया यह जवाब

इसके जवाब में आयोग के अवर सचिव मधुसूदन गुप्ता ने कहा, ‘आप के द्वारा मांगी गई जानकारी किसी भी रूप में उपलब्ध नहीं है, जैसा कि आरटीआई की धारा 2 (एफ) के तहत वर्णित है।’ सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 2 (एफ) में सूचना और धारा 2 (आई) में अभिलेख (रिकॉर्ड) को परिभाषित किया गया है, जिसमें किसी भी प्रकार की सामग्री, नमूना और मॉडल को शामिल किया गया है।
 
इससे पहले देश में एक साथ चुनाव कराए जाने के मुद्दे पर चर्चा में निर्वाचन आयोग के अधिकारी कह चुके हैं कि उन्हें 12 लाख अतिरिक्त ईवीएम और इतने ही वीवीपीएटी खरीदने के लिए करीब 4500 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।

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