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नये सीबीआई प्रमुख के चयन पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली समिति की बैठक रही बेनतीजा…

अगले सीबीआई प्रमुख के नाम पर फैसला करने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति की गुरुवार को बैठक हुई. सीबीआई प्रमुख के चयन से संबंधित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली समिति की बैठक बेनतीजा रही. सीबीआई निदेशक के चयन के लिए समिति की एक और बैठक जल्द बुलाई जाएगी. इस बैठक में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिस्सा लिया. बता दें कि इस महीने की शुरुआत में आलोक वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद से यह पद खाली पड़ा है.

समिति ने 10 जनवरी को वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था. उनका गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना से भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर झगड़ा चल रहा था. वर्मा और अस्थाना दोनों ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाये थे. वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटाए जाने के बाद दमकल सेवा महानिदेशक, नागरिक रक्षा और होम गार्ड्स का महानिदेशक बनाया गया था. यह कम महत्वपूर्ण पद था.

वर्मा ने उस पेशकश को स्वीकार नहीं किया और उन्होंने सरकार को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें सेवानिवृत्त मान लिया जाना चाहिये क्योंकि उनकी 60 साल की आयु पूरी हो चुकी है. उन्होंने एक फरवरी 2017 को सीबीआई निदेशक का पदभार संभाला था. सीबीआई प्रमुख के तौर पर उनका कार्यकाल दो साल का था. कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) के सचिव सी चंद्रमौली को लिखे गए पत्र में वर्मा ने कहा था कि वह 31 जुलाई 2017 को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं.

केंद्र ने वर्मा के पत्र पर अपने फैसले को सार्वजनिक नहीं किया है. केंद्र ने एम नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बनाया था. वर्मा के इस्तीफा पत्र से राजनीतिक भूचाल आ गया था जिसमें विपक्ष, खासतौर से कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर सार्वजनिक संस्थानों में कथित रूप से हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था. खड़गे ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राव की सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्ति को ”गैर कानूनी बताया था. उन्होंने नए सीबीआई प्रमुख का चयन करने के लिए सरकार से तत्काल समिति की बैठक बुलाने को कहा था.

खड़गे ने हाल ही में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राव की सीबीआई के अंतरिम प्रमुख के रूप में नियुक्ति को गैर कानूनी बताया था. उन्होंने नये सीबीआई प्रमुख का चयन करने के लिए सरकार से तत्काल समिति की बैठक बुलाने को कहा था. कांग्रेस ने कहा कि नये सीबीआई प्रमुख को चुनने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और निष्पक्ष होनी होनी चाहिए तथा सबसे योग्य व्यक्ति का चयन किया जाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने संवाददाताओं से कहा, हम आशा करते हैं कि चयन की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए और सबसे योग्य व्यक्ति का चयन होना चाहिए.

हम सिर्फ यही चाहते हैं. उन्होंने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक में पूरी मंशा यही थी कि सीबीआई का नेतृत्व करने वाले व्यक्ति सत्ता प्रतिष्ठान के करीबी नहीं हो तथा नियुक्ति में यही सुनिश्चित होना चाहिए.

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