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देशराजनीति

बजट 2019: लोकसभा चुनाव से पहले पीएम मोदी के पास वोटरों को लुभाने का मौका, हो सकती हैं ये घोषणाएं…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास शुक्रवार को पेश किए जाने वाले बजट में वोटरों को लुभाने का आखिरी मौका है. पीएम मोदी को लोकलुभावन खर्चों के साथ कर्ज को कम करने का जोखिम लेना होगा। पीएम मोदी जानते हैं कि तीन भाजपा शासित राज्यों में हारने के बाद मई 2019 का लोकसभा चुनाव चुनौती भरा होगा। वो विपक्ष की वोटरों को लुभाने के लिए की गई घोषणाओं, जैसे कर्ज माफी और गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाओं के बाद दवाब में हैं।

किसानो को देंगे राहत

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि मोदी बजट में किसानों के लिए नकद हस्तांतरण योजना ला सकती है। इसके अलावा सरकार राजकोष में 700 अरब रुपये का खर्च छोटे कारोबारियों और कुछ कर देने वाले लोगों को राहत देने में कर सकती है। इसके अलावा जीडीपी के राजकोषीय घाटे को 3.3 फीसदी पर लाना सरकार का लक्ष्य है। लेकिन आने वाले साल में इसके लिए कर्ज लेना पड़ सकता है। सिंगापुर में आयोजित आईएनजी ग्रुप एनवी में अर्थशास्त्री प्रकाश सकपाल ने कहा कि कांग्रेस की अगुवाई में या कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के सत्ता में आने पर राजकोषीय नीति संभवतः ढीली रहेगी, जिसमें घाटा 3 प्रतिशत के आराम स्तर से ऊपर रहने की संभावना है।

केंद्र सरकार लाएगी संभावित बजट

ब्लूमबर्ग के सर्वेक्षण में अर्थशास्त्रियों को उम्मीद हैं कि सरकार वित्तीय वर्ष 2019 में जीडीपी के अपने लक्ष्य 3,3 फीसदी को 3.5 फीसदी तक ले जाएगी। टैक्स पेयर के लिए कर छूट सीमा को बढ़ाया जा सकता है। निवेश पर कटौती के लिए सीमा में बढोतरी संभव है। किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए सकल उधार सीमा 2020 में 6.4 ट्रिनियन हो सकती है, जो 2019 में 5.39 ट्रिनियन थी। सरकार पर खर्च बढ़ने के दवाब के अतिरिक्त सरकार पर राजस्व बढ़ाने का दवाब भी है। जीएसटी के जरिए सरकार महीने में 1 खरब रुपये के लक्ष्य से चूक गई है। जबकि संपत्ति की बिक्री से इतनी आया का अनुमान लगाया गया था। ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्रियों के सर्वे में कहा गया है कि भारत का राजकोषीय घाटा मार्च में सकल घरेलू उत्पादत(जीडीपी) के 3.5 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है और अगले वित्त वर्ष में 3.3 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा।

आरबीआई दरो में कर सकती है कटौती

सरकार राजस्व में कमी लाने और बजट घाटे को नियंत्रण में रखने में मदद करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) पर जल्द लाभांश देने का दबाव बना सकती है। कुछ रिपोर्टें बताती हैं कि आरबीआई के नए गर्वनर शक्तिकांत दास को राज्य के खजाने को बढ़ावा देने के लिए 400 बिलियन रुपये से अधिक का कोष खोल सकते है।दास ब्याज दर में कटौती के जरिये अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के पक्ष में हैं, जिससे मोदी सरकार को अतिरिक्त बढ़ावा मिल रहा है। महंगाई दर के 18 महीने के निचले स्तर पर जाने के साथ उपभोक्ता मांग कमजोर पड़ने और बढ़ते वैश्विक जोखिम को देखते हुए अर्थशास्त्री अनुमान लगा रहे हैं कि आरबीआई इस साल दरों में कटौती करेगा, जो अगले सप्ताह की शुरुआत में हो सकती है।अरूण जेटली की अनुपस्थिति में पीयूष गोयल सदम में 11 बजे बजट प्रस्तित करेंगे। वो बजट में किसानों, गरीबों और आम आदमी को राहत देने के साथ आगे का एजेंडा भी रख सकते हैं।

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