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बिलासपुरहाईकोर्ट

हाईकोर्ट के महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा बोले- 15 दिनों के अंदर हर मामले का जवाब पेश कर देंगे…कार्यालय होगा पेपरलेस…जानिए खर्च बचाने के लिए क्या-क्या पहल कर रहे हैं…

बिलासपुर। हाईकोर्ट के नए महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा राज्य सरकार का खर्च बचाने के लिए कई नई पहल करने जा रहे हैं। इसके तहत एजी कार्यालय को पूरी तरह से पेपरलेस करने की योजना है। इसके लिए शासन को पत्र लिखा जा रहा है। एजी कार्यालय के सारे रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन किया जाएगा, ताकि संबंधित अफसरों, वकीलों और याचिकाकर्ताओं को उसकी कापी वाट्सएप, ई-मेल के जरिए भेजा जा सके।

महाधिवक्ता वर्मा सोमवार को पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि रिकार्ड लेने के लिए याचिकाकर्ताओं को जिला, संभाग और राज्य स्तर पर चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे उनका समय जाया होता है। धन खर्च सो अलग। इसलिए अब सारे रिकार्ड को ऑनलाइन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में पेपरलेस का काम पहले से ही चल रहा है। वहां जितने भी रिकार्ड का डिजिटलाइजेशन हो गया है। उसे एजी कार्यालय को उपलब्ध कराने के लिए भी पत्र लिखा जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वे उस हर केस में कोर्ट में हाजिर होंगे, जिसमें उनकी जरूरत पड़ेगी। जवाब-दावा पेश करने में लेटलतीफी के सवाल पर उन्होंने कहा कि एजी कार्यालय की ओर से राज्य शासन को पत्र लिखा जा रहा है कि जिन विभागों में ओआईसी की नियुक्ति नहीं हुई है, वहां जल्द नियुक्ति की जाए। ओआईसी नियुक्त होने के बाद उस विभाग से संबंधित मामले का जवाब 15 दिनों के भीतर पेश कर दिए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि हाईकोर्ट में सरकार से संबंधित जितने मामले पेंडिंग हैं, उसका जवाब इस माह के अंत तक पेश कर दिया जाएगा।

डायरी पेश करने वाले पुलिस जवानों को देंगे ये सुविधा

महाधिवक्ता वर्मा ने बताया कि वर्तमान में केस की डायरी पेश करने आने वाले जवानों को कुछ परेशानी होती है। मसलन, जिस काउंटर में डायरी पेश करते हैं, वहां पर शेड तो लगे हुए हैं, लेकिन कूलर, पंखा नहीं होने के कारण गर्मी लगती है। खुला स्थान होने के कारण इंतजार करना भी मुश्किल हो जाता है। इसलिए उस स्थान को कमरे का रूप दिया जाएगा और वहां एसी, कूलर लगाएं जाएंगे।

टीम में कोई बदलाव नहीं

एजी दफ्तर की टीम में किसी तरह के बदलाव के सवाल को महाधिवक्ता वर्मा ने सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना था कि टीम वही रहेगी, क्योंकि सभी अच्छा काम कर रहे हैं। एडिशनल एजी के पद रिक्त रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह उनके अधिकार क्षेत्र से बाहर का मामला है। इस पद को भरने का निर्णय राज्य शासन को लेना है।

पीआईएल फाइल होते ही रिकार्ड भेज देंगे ओआईसी को

उन्होंने बताया कि पीआईएल पेश करने से पहले एक कापी एजी कार्यालय को पहले से ही उपलब्ध कराई जा रही है। अब पीआईएल पेश होते ही उसे डिजिटलाइजेशन कर दिया जाएगा और उसी दिन शाम को संबंधित ओआईसी को भेज दिया जाएगा, ताकि वह सारे दस्तावेज पहले ही एकत्र कर रख सके और बुलाने पर अपडेट होकर आएं।

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