बिलासपुर: ACB के फंदे में फंसे आबकारी लिपिक दिनेश दुबे के बारे में नया खुलासा…नोटबंदी के दौरान काली कमाई को किया सफेद…पत्नी औऱ खुद के नाम पर खरीदी जमीन…
बिलासपुर। एसीबी के फंदे में फंसे आबकारी विभाग का लिपिक दिनेश दुबे वास्तव में करोड़ों रुपए का आसामी निकला। पीएमओ कार्यालय को भेजी गई जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि सहायक आयुक्त आबकारी बिलासपुर में पदस्थापना के दौरान उसने कई भ्रष्टाचार को अंजाम दिया। दिनेश दुबे ने खुद के नाम के अलावा पत्नी के नाम पर लाखों रुपए की बेशकीमती जमीन खरीदी जिसकी कीमत आज करोड़ों रुपए में है। यही नहीं, पत्नी और अपने बेटा-बेटी के नाम पर हर माह 5 से ₹25000 तक बैंक में जमा कराते रहे। नोटबंदी के दौरान कार्यालय के चपरासियों के खाते में अपनी काली कमाई जमा कराई और बाद में कमीशन काटकर पैसे निकलवा लिए। इसका खुलासा कार्यालय के चपरासियों ने किया है।
ताज़ाख़बर36गढ़.कॉम के पास उपलब्ध जांच रिपोर्ट के अनुसार तत्कालीन आबकारी अधिकारी पीसी अग्रवाल ने 12 अगस्त 2017 में दिनेश दुबे के खिलाफ पीएमओ कार्यालय की वेब पोर्टल पर गंभीर शिकायत की थी। उस समय दिनेश दुबे सहायक ग्रेड तीन के पद पर पदस्थ थे। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पीएमओ कार्यालय ने जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। उपायुक्त आबकारी उड़नदस्ता संभागीय कार्यालय बिलासपुर ने हाल ही में जांच रिपोर्ट राज्य शासन के हवाले कर दी है। जांच अधिकारी वेदराम लहरे ने अपनी रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है कि लिपिक दिनेश दुबे के खिलाफ जितने भी आरोप लगाए गए थे, ज्यादातर सही पाए गए हैं। दिनेश दुबे अब जिला आबकारी बिलासपुर में सहायक ग्रेड दो के पद पर कार्यरत है।
यह है जांच अधिकारी की रिपोर्ट
लिपिक दिनेश दुबे का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सरकंडा शाखा बिलासपुर में खाता क्रमांक 1059 777 97 27 संचालित है। शाखा से नोटबंदी के दौरान जमा और निकाली गई राशि का स्टेटमेंट निकाला गया जिसके अनुसार 4 नवंबर 2016 से 29 दिसंबर 2017 की स्थिति में 1671805 रुपए जमा किए गए और 15 लाख 64 हजार ग्यारह रुपए निकाले गए। 24 जनवरी 2017 को इस खाते में चेक के माध्यम से ₹500000 जमा किया गया। 8 फरवरी 2017 को 684000 निकाले गए।
दिनेश दुबे की पत्नी मीनाक्षी दुबे का खाता भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा में है जिसका 3 वर्षों का बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किया गया। पता चला की 31 दिसंबर 2014 से 16 दिसंबर 2017 तक 504512 रुपए जमा है और इस अवधि में 334273 रुपए निकाले गए।
दिनेश दुबे की बेटी आदित्य दुबे का खाता भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा बिलासपुर में है। 19 दिसंबर 2014 से 31 दिसंबर 2017 की स्थिति में 390430 रुपए जमा है और ₹203612 निकाले गए हैं। इनके खाते में 5000 से लेकर 15000 रुपए तक नगर जमा हुए हैं और 40 40 हजार रुपए ट्रांसफर हुए हैं।
दिनेश दुबे के बेटे आदित्य दुबे का खाता भी भारतीय स्टेट बैंक कलेक्ट्रेट शाखा में है। 18 दिसंबर 2014 से 25 दिसंबर 2017 तक की स्थिति में 369944 रुपए जमा है और 181090 रुपए निकाले गए हैं। इनके खाते में समय-समय पर 5000 से लेकर ₹40000 जमा कराए गए और ₹20000 ट्रांसफर हुआ है।
सहायक आयुक्त आबकारी कार्यालय बिलासपुर के चपरासी गणेशराम महार का खाता भारतीय स्टेट बैंक सरकंडा में है जिसमें नोटबंदी के दौरान 8 नवंबर 2016 से 30 मार्च 2017 तक 515353 रुपए जमा किए गए और ₹510100 निकाले गए। उनके खाते में 13 नवंबर 2016 को ₹100000 और 18 नवंबर 2016 को 230000 रुपए जमा किए गए जिसे गणेश राम ने दिनेश दुबे का होना बताया है।
चपरासी हीरालाल के भारतीय स्टेट बैंक सरकंडा के खाते में 9 नवंबर 2016 से 31 मार्च 2017 तक ₹151495 जमा किए गए और 154860 रुपए निकाले गए हैं। नोटबंदी के दौरान 15 नवंबर 2016 को 53000 और 24 नवंबर 2016 को ₹48500 जमा हुए हैं। हीरालाल ने इन रुपयों को स्वयं का बताया है।
चपरासी संतोष कुमार ने अपने खाते में जमा रकम में से ₹40000 दिनेश दुबे कहो ना बताया है। इसी तरह नरेश कुमार ने भी उसे खाते में जमा ₹200000 को दिनेश दुबे का होना बताया है।
यहां खरीदी जमीन
दिनेश दुबे ने अपनी पत्नी के नाम पर ग्राम चीचिरदा में 0.346 हेक्टेयर जमीन नंदकुमार से 26 अक्टूबर 2013 को खरीदी।
चीचिरदा में 0.214 हेक्टेयर जमीन रामकुमार से अपनी पत्नी के नाम पर 4 अगस्त 2016 तो खरीदी। चीचिरदा के संतोष कुमार से 0.214 हेक्टेयर जमीन 26 अगस्त 2013 को अपनी पत्नी के नाम पर खरीदी।
दिनेश दुबे ने अपने नाम पर ग्राम पंचायत मंगला के गंगानगर में 12100 वर्ग फीट जमीन राजीव शुक्ला से खरीदी। कुदुदंड में स्थित 1232 वर्ग फीट जमीन 23 मार्च 2013 को खरीदी।