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ज़िला प्रशासनबिलासपुर

बिलासपुर: मोपका के पटवारी कार्यालय से चंद कदम दूर सरकारी तालाब के मेढ़ पर बना दी बाउंड्रीवाल… सरकारी जमीन दबाने का चल रहा खेल… पटवारी अमित पांडेय की भूमिका संदिग्ध… एक राजस्व अफसर की मौन सहमति…

बिलासपुर। राजस्व अफसर बिल्डरों को कैसे उपकृत करते हैं, इसका नमूना देखना है तो मोपका चले जाइए, जहां पर सरकारी तालाब के मेढ़ के बीचों-बीच कॉलोनी की सुरक्षा के लिए बाउंड्रीवाल खड़ी कर दी गई है। पूछताछ करने पर पटवारी कहते हैं कि शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। उनके इस बयान से बिल्डर के साथ मिलीभगत की बू आ रही है।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद बिलासपुर शहर के आसपास की जमीन की कीमत आसमान छूने लगी है। एक दशक पहले शहर से लगे ग्राम पंचायतों की सरकारी जमीन को दबाने का खेल शुरू हुआ, जो अब तक जारी है। ग्राम पंचायत मोपका तो सरकारी जमीन की बंदरबाट के मामले में सबसे ज्यादा सुर्खियों में रहा है। यहां जो भी पटवारी आया, सिर्फ अपनी जेबें भरी हैं। ताजा मामला मोपका स्थित तालाब का है। तालाब के एक किनारे में गणपति होम कॉलोनी का निर्माण किया जा रहा है। इससे लगे हुई जमीन पर कॉलोनी विकसित कर दी है। इसी कॉलोनी से विशाल क्षेत्र में फैला हुआ तालाब है। कॉलोनी की सुरक्षा के लिए बिल्डर ने तालाब के मेढ़ पर ही कब्जा कर लिया है। करीब 1000 वर्गफीट लंबी बाउंड्रीवाल खड़ी कर दी गई है। तालाब में जाने के एक लोहे का गेट लगाया गया है, जिसमें हमेशा ताला बंद रहता है। तालाब से चंद कदम दूरी पर पटवारी कार्यालय है, जहां वर्तमान में अमित पांडेय पटवारी है। सब कुछ जानते हुए भी पटवारी अमित पांडेय आंख बंदकर सरकारी जमीन पर बेजाकब्जा को बढ़ावा दे रहा है। मीडिया ने जब उनसे तालाब के मेढ़ पर कब्जा होने का सवाल किया तो उनका कहना था कि वे मौके पर गए थे, जहां मेढ़ में बाउंड्रीवाल बनाई गई है। वे खुद से किसी तरह की कार्रवाई करने में अक्षम हैं। यदि कोई शिकायत करे तो वे जांच कर प्रतिवेदन तहसीलदार को भेजेंगे। उनके इस बयान से साफ झलक रहा है कि कुछ तो कारण है, जिसके चलते उनके हाथ बंधे हुए हैं।

एक राजस्व अफसर की शह ?

बताया जा रहा है कि अरपा पार क्षेत्र में राजस्व विभाग के एक अफसर की शह पर सरकारी जमीन को दबाने का खेल चल रहा है। यह अफसर खुद ही पार्टनरशिप में पर्दे के पीछे रहकर प्लाटिंग करा रहे हैं। ऊंची पहुंच और सेटिंग के चलते भाजपा सरकार में भी इस अफसर की तूती बोलती थी और कांग्रेस सरकार में भी इसी अफसर का बोलबाला है। बता दें कि विधानसभा चुनाव से पहले इस अफसर का तबादला हो गया था, लेकिन उन्होंने पहुंच के दम पर अपना तबादला रुकवा लिया। तालाब के मेढ़ पर बाउंड्रीवाल बनवाने में इस अफसर की मौन सहमति बताई जा रही है।

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