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बिलासपुर। प्रदेश में 72 फीसदी आरक्षण के खिलाफ कलेक्टोरेट का घेराव…सामान्य वर्ग के युवाओं ने पुलिस ग्राउंड से निकाली रैली… देखें वीडियो…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश में एससीएसटी और ओबीसी वर्ग को 72 प्रतिशत तक आरक्षण देने के खिलाफ सामान्य वर्ग के युवाओं ने बुधवार को कलेक्टोरेट के सामने जमकर हल्ला बोला। उन्होंने करीब आधे घंटे तक जमकर हंगामा करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। आरक्षण का फैसला वापस लेने संबंधी मांगों का ज्ञापन राज्यपाल के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा गया।

सामान्य वर्ग के 100 से अधिक युवा बुधवार दोपहर पुलिस ग्राउंड में एकत्रित हुए। यहां से रैली की शक्ल में युवा अंबेडकर चौक पहुंचे। यहां डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली राजेंद्र नगर, नेहरू चौक होते हुए कलेक्टोरेट पहुंचे। रैली आने की सूचना पहले ही जिला प्रशासन के अफसरों को मिल गई थी। अलबत्ता, मुख्य गेट को बंदकर पुलिस के जवान तैनात कर दिए गए थे। रैली जैसे ही कलेक्टोरेट गेट के सामने पहुंची, युवा राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे। युवाओं के हाथों में तख्तियां थीं, जिसमें आरक्षण वापस लो के नारे लिखे हुए थे। करीब आधे घंटे तक नारेबाजी के बाद सिटी मजिस्ट्रेट टंडन ज्ञापन लेने के लिए गेट के सामने आए और प्रतिनिधि मंडल ने उन्हें मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा।

पुलिस के साथ धक्का-मुक्की

भीड़ के साथ युवा कलेक्टोरेट गेट को खोलने का प्रयास कर रहे थे। इस दौरान वहां तैनात पुलिस के जवानों ने मोर्चा संभाला तो युवाओं ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने हल्का बल का प्रयोग कर युवाओं को पीछे धकेला।

50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं किया जा सकता

सौंपे गए ज्ञापन में युवाओं ने कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य के मुखिया ने हाली में ओबीसी वर्ग (नॉन क्रीमिलेयर) का आरक्षण 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इंदिरा शाहनी वाद में यह अभिनिर्धारित किया गया है कि किसी भी स्थिति में आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं किया जा सकता। इस आधार पर सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय न्याय संगत और संवैधानिक रूप से गलत है। क्योंकि छग में आरक्षण की सीमा 72 प्रतिशत तक पहुंच गई है।

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