वार्ड क्रमांक 62 शास्त्री नगर
कुल वोट पुरुष महिला
4746 2361 2384
प्रत्याशी पार्टी
राजेश शुक्ला कांग्रेस
चंद्रभूषण शुक्ला भाजपा
बिलासपुर (12 दिसंबर 2012)। नगर निगम बिलासपुर के वार्ड क्रमांक 62 में सीधा मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी राजेश शुक्ला और भाजपा के चंद्रभूषण शुक्ला के बीच है। यहां से कोई निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव मैदान में नहीं है। इस वार्ड में ब्राह्मण वोटरों की संख्या अधिक है। यही वजह है कि दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों ने यहां से ब्राह्मण या यूं कहें कि एक सरनेम वाले प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है। ताजाखबर36गढ़.कॉम ने यहां के करीब 200 वोटरों के बीच जब दोनों प्रत्याशियों में से पसंद के बारे में राय ली तो पता चला कि कांग्रेस प्रत्याशी राजेश शुक्ला का पलड़ा भारी है। दरअसल, 25 साल तक राजेश शुक्ला पार्षद रहे हैं और पिछली बार जब वे दूसरे वार्ड से पार्षद बने, तब भी उन्होंने अपने इस वार्ड को नहीं भुलाया।
जानिए… क्या कहती है जनता
कांग्रेस प्रत्याशी राजेश शुक्ला के बारे में :
ताजाखबर36गढ़.कॉम ने इस वार्ड में जीत-हार लेकर अलग-अलग मोहल्ले के 500 से अधिक वोटरों के बीच सर्वे किया। करीब 70 प्रतिशत वोटरों ने कांग्रेस प्रत्याशी के कामकाज को सराहा। एक वृद्ध वोटर का कहना था कि राजेश शुक्ला जब पहली बार चुनाव जीते, उस समय उनका जो व्यवहार था, आज 25 साल बाद भी उनका यही व्यवहार है। इतने सालों तक पार्षद रहने के बाद उनमें अहंकार नहीं आया। पहले की तरह ही सभी से सहज और सरल तरीके से मिलते हैं। महिला वोटर ने कहा कि पिछली बार वे दूसरे वार्ड से चुनाव जीते थे, लेकिन उनकी सक्रियता पूरे पांच साल तक यहां बनी रही। लोगों के छोटे से छोटे काम को वो अपना समझकर कराते रहे हैं। युवा वोटरों का कहना था कि जब से उन्होंने होश संभाला है, तब से वे राजेश शुक्ला को ही पार्षद के रूप में देखते आ रहे हैं। स्कूल से लेकर सामाजिक कार्य में भी वे उनका सहयोग करते रहे हैं। वार्ड के बच्चे से लेकर वयो वृद्ध तक उन्हें जानते हैं। इसकी वजह यह है कि वे हर दिन कई घरों में जरूर जाते हैं और पूछते हैं कि उन्हें किसी तरह की कोई समस्या तो नहीं है।
भाजपा प्रत्याशी चंद्रभूषण शुक्ला के बारे में:
ताजाखबर36गढ़.कॉम के सर्वे में करीब 15 प्रतिशत वोटरों ने पार्षद का चेहरा बदलने की ओर इशारा किया। उनका कहना था कि कामकाज को लेकर राजेश शुक्ला से कोई शिकायत नहीं है, लेकिन इस बार चंद्रभूषण शुक्ला को भी मौका मिलना चाहिए। ब्राह्मण समाज में उनका भी अच्छा प्रभाव है। राजेश का कामकाज अच्छा होने के बाद भी चेहरा बदलने के सवाल पर इन वोटरों का कहना था कि एक बार दूसरे व्यक्ति का भी कामकाज देख लें। राजेश शुक्ला से अच्छा काम नहीं किया तो पांच साल बाद बदल देंगे।
15 प्रतिशत वोटर उलझन में
वार्ड क्रमांक 62 में किए गए सर्वे में यह भी नतीजा निकलकर आया कि 15 प्रतिशत वोटर अभी खामोश है। अन्य वोटरों द्वारा दोनों प्रत्याशियों के बारे में बताई गई राय को जब उनके सामने रखा गया तो वे उलझन में दिखे। उनका कहना था कि बेहतर कौन रहेगा, यह तय करने में अभी समय है। ये वोटर उस वार्ड के हैं, जहां से पूर्व में राजेश शुक्ला कभी चुनाव नहीं लड़े हैं। नए परिसीमन में इस वार्ड को जोड़ा गया है।
ये हैं मुद्दे
वार्ड क्रमांक 62 में खासकर कोई बड़ा मुद्दा सामने नहीं आया। वोटरों का कहना था कि यहां गार्डन की कमी है। जो गार्डन है, वह भी बदहाल है। पूरे वार्ड में दो कच्ची सड़क है, जो बरसात के मौसम में चलने लायक नहीं रहती। गया विहार में नाली जाम की समस्या है।