बिलासपुर। डॉ. मधुलिका सिंह के बिलासपुर सीएमएचओ कार्यकाल के दौरान हुए दो करोड़ 50 लाख 35 हजार 371 रुपए के घोटाले का मामला सरकंडा थाने पहुंच गया है। याचिकाकर्ता एस संतोष कुमार ने टीआई को दस्तावेज सौंपते हुए भ्रष्टाचार के मामले में तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. मधुलिका सिंह पर एफआईआर करने की मांग की है।
सरकंडा थाने में की गई शिकायत के अनुसार पुराना हाईकोर्ट रोड एसबीआई हेड ब्रांच के पीछे बिलासपुर निवासी डॉ. मधुलिका सिंह ठाकुर पति अमर सिंह ठाकुर (61) 2002 से 2004 तक बिलासपुर में सीएमएचओ के पद पर पदस्थ थीं। सीए द्वारा प्रस्तावित वार्षिक लेखे के अनुसार इस दौरान शासन से सीएमएचओ कार्यालय को 2 करोड़ 50 लाख 35 हजार 371 मिले थे। 31 मार्च 2004 की स्थिति में बैंक खाते में 79 लाख 20 हजार 371 शेष थे और 1 करोड़ 71 लाख 15 हजार रुपए का व्यय किया जाना बताया गया था, पर राशि व्यय के बाउचर प्रस्तुत नहीं किए गए। इस संबंध में दस्तावेज एकत्रित करने के बाद एस संतोष कुमार व दिलीप यादव ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। याचिका के साथ महालेखाकार की रिपोर्ट संलग्न की गई, जिसमें बताया गया था कि 1 करोड़ 71 लाख 15 हजार रुपए का हिसाब नहीं मिल रहा है।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका को निराकृत कर दिया। हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को संबंधित थाने में एफआईआर कराने की छूट दी है। कोर्ट ने अपने आदेश की कंडिका 5 में यह भी कहा है कि यदि संबंधित थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं की जाती है तो एसपी से शिकायत कर सकते हैं। वहां से भी एफआईआर नहीं होती है तो कोर्ट में परिवाद दायर कर सकते हैं। बुधवार को एस संतोष कुमार अपने वकील योगेश्वर शर्मा के साथ सरकंडा थाने पहुंचे। उन्होंने टीआई को दस्तावेज सौंपते हुए तत्कालीन सीएमएचओ डॉ. मधुलिका सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। वकील योगेश्वर शर्मा के अनुसार टीआई ने शिकायत लेकर पावती दी है। उन्होंने उच्च अधिकारियों से चर्चा करने के बाद एफआईआर करने का आश्वासन दिया है।