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बिलासपुर: गांधी जी के ग्राम स्वराज की कल्पना को साकार करना है…भूपेश बघेल…पंच-सरपंच महासम्मेलन में शामिल हुये मुख्यमंत्री…सीपत को तहसील का दर्जा देने की घोषणा…

बिलासपुर। भारत में पहले गांव एक छोटा गणराज्य होता था। गांव की सब व्यवस्था गांव के लोग ही करते थे। पंचायती राज महात्मा गांधी जी का भी सपना था। उन्होंने ग्राम स्वराज की कल्पना की थी। इस कल्पना को साकार करने के लिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है। जिसके लिये नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी योजना की शुरूआत की गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज जिले के विकासखंड मस्तूरी के ग्राम पंधी में आयोजित पंच-सरपंच महासम्मेलन और कृषि उन्मुखीकरण कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने सीपत को तहसील का दर्जा देने की घोषणा की। साथ ही गांव के हायर सेकेण्डरी स्कूल को शहीद विनोद कौशिक के नाम पर करने की घोषणा भी की।

कार्यक्रम में उपस्थित पंच-सरपंचों के विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि सरकार ने गांवों में 5 से 10 एकड़ जमीन सुरक्षित रखकर वहां गौठान निर्माण किया जा रहा है। लेकिन गौठानों में प्रबंध करने का कार्य ग्रामीणों का है। गौठानों में गायों की सेवा बारहों महीने की जाएगी। ग्रामीण दिन में अपने गायों को गौठान में लाये और रात को घर ले जायें। अभी 1500 गौठान प्रदेश में बनाये गये हैं। आने वाले साल में 3 हजार गौठान बनाये जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की एक वर्ष की उपलब्धि आपके सामने है। किसानों का ऋणमाफी, बिजली बिल हाफ करना, 35 किलो चावल, वन अधिकार पत्र, नरवा, गरूवा, घुरूवा और बाड़ी के अभिनव कार्य किये गये। हमारे पुरखों का सपना साकार करना है और यह तभी होगा जब छत्तीसगढ़ का एक-एक व्यक्ति सामाजिक और आर्थिक रूप से मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ न्याय होगा और हर हाल में उनके जेब में प्रति क्विंटल धान का 25 सौ रूपये जायेगा। मुख्यमंत्री ने किसानों से अनुरोध किया कि वे आस-पड़ोस के राज्यों से धान लाकर बेचने वाले कोचिया, दलालों को रोकने में मदद करें। इससे सरकार के साथ-साथ किसानों का भी नुकसान होता है। उन्होंने किसानों से कहा कि वे अपने ऋण-पुस्तिका से दूसरे का धान मत बेचे और यदि कोई ऐसा कर रहा है तो उसे भी रोकें।

किसानों द्वारा पैरा दान करने पर सराहना की मुख्यमंत्री ने

इस कार्यक्रम में उपस्थित आसपास के ग्रामों के किसानों ने गौठानों के लिये स्वेच्छा से पैरा दान किया। वे ट्रेक्टरों में भरकर पैरा लेकर लाये थे। लगभग 21 ट्रेक्टर पैरा दान किसानों ने किया। मुख्यमंत्री ने उन्हें हरी झण्डी दिखाकर गौठानों की ओर रवाना किया। बघेल ने किसानों के इस कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि पहली बार वे यह देख रहे है कि किसी कार्यक्रम में किसान पैरा दान करने के लिये ट्रेक्टर में पैरा लेकर आये हैं। हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों में धान के पैरे को जलाया जाता है, जिससे राजधानी दिल्ली में धुआं बढ़ जाता है और वहां के लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है। लेकिन छत्तीसगढ़ के किसान पैरे को खेतों में नहीं जलाते। उन्होंने छत्तीसगढ़ के किसानों को धन्यवाद और बधाई दी कि उनकी एक अपील पर किसान गौठानों में पैरा दान कर रहे हैं। उन्होंने किसानों को बताया कि पैरा को जलाने से प्रदूषण बढ़ता है और मवेशी के चारा नहीं मिलता। साथ ही खेत के मिट्टी की उर्वरता शक्ति भी कम होती है।

इस कार्यक्रम को तखतपुर विधायक रश्मि सिंह, मस्तूरी के पूर्व विधायक दिलीप लहरिया ने भी संबोधित किया। स्वागत उद्बोधन अटल श्रीवास्तव ने दिया।

18 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में लगभग 18 करोड़ के कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया तथा हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं से लाभान्वित किया। उन्होंने किसानों को ऋण माफी प्रमाण पत्र, धान खरीदी भुगतान पत्र, गौठान समितियों को 10-10 हजार का चेक, कृषकों को सोलर पंप और पशुपालक किसानों को पशु-पक्षी व चूजों का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने क्षेत्र में चिकित्सकों और सड़कों की मांग भी पूरी करने की बात कही।

इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा स्टाॅल लगाये गये थे। जहां विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जा रही थी। मुख्यमंत्री ने इन स्टाॅलों का भ्रमण भी किया।

कार्यक्रम में कलेक्टर डाॅ.संजय अलंग, पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी रितेश अग्रवाल, पूर्व विधायक चन्द्रप्रकाश बाजपेयी एवं सियाराम कौशिक, गुलाब राज, प्रमोद नायक, रमेश कौशिक, अभय नारायण राय सहित क्षेत्र के सैकड़ों जनप्रतिनिधि, किसान, ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

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