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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने विकेन्द्रीकरण एक कारगर कदम…प्रदेश में 704 नए ग्राम पंचायत और एक नए जिले का हुआ गठन

रायपुर। राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने के लिए पंचायतों का विकेन्द्रीकरण जनहित में एक कारगर और सराहनीय कदम है। प्रदेश के लोगों को स्थानीय स्तर पर ही प्रशासनिक सुविधा के साथ-साथ आर्थिक सशक्तिकरण कर बड़ी पंचायतों का परिसीमन कर 704 नए पंचायतें गठित की गई है। जिनमें 496 नव गठित पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों में है। इसे मिलाकर अब तक प्रदेश में 11 हजार 664 ग्राम पंचायतें हो गई है।

बिलासपुर जिले का परिसीमन कर पेण्ड्रा-गौरेला-मरवाही नए जिला का गठन किया गया है। अब प्रदेश में 28 जिलें हो गए हैं। प्रदेश में 146 जनपद पंचायत, 150 तहसीलों के माध्यम से राज्य सरकार राज्य के नागरिकों को मूलभूत सहित विभिन्न प्रशासनिक सुविधाएं मुहैया करा रही है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शहरी, गरीबों, पिछड़ों के विकास के साथ-साथ ग्रामीण लोगों के विकास के लिए दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि आज शहरी जीवन के साथ-साथ ग्रामीणों को भी प्रशासनिक सुविधाएं मिल रही है, वहीं आत्मनिर्भरता की दिशा में भी आगे बढ़ रहे हैं।

प्रदेश के पंचायतों के सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए जनभागीदारी पर विशेष प्रयास किया जा रहा है। साथ ही प्रदेश के सभी वर्गाें के लोगों को समान अवसर प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा ‘छत्तीसगढ़ पंचायत अधिनियम, 1993‘ में संशोधन कर त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन में ग्राम पंचायतों के उम्मीदवारों की न्यूनतम् योग्यता मे कक्षा का मापदण्ड हटाकर ‘साक्षर‘ कर दिया गया है।

प्रदेश के 85 विकासखण्डों में पेसा कानून लागू है। राज्य सरकार इन अनुसूचित क्षेत्रों में निवासरत लोगों को पेसा कानून के अनुसार उनके अधिकार दिलाने और विकास को नई गति देने के लिए उच्चस्तरीय समिति का भी गठन किया गया है। पेसा कानून के तहत आने वाले इस क्षेत्र में यहां की परंपराओं, रीति-रिवाजों और जनजातीय आबादी की सांस्कृतिक पहचान के संरक्षण के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।

बड़ी पंचायतों के परिसीमन से बनने वाले नवीन पंचायतों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त होगा। साथ ही पंचायतों के विकेन्द्रीकरण से अब तक उपेक्षित रहे गांव अपने विकास की राह स्वयं प्रशस्त करेंगे।

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