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बिलासपुर: पुलिस को मिली बड़ी सफलता, एएसआई से ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश साढ़े सात लाख बरामद…

बिलासपुर। सेवानिवृत सहायक उप निरीक्षक से पेंशन अपडेशन के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह का बिलासपुर पुलिस ने किया पर्दाफाश, मुख्य आरोपी संहित तीन अन्य साथी को पुलिस की गिरफ्तार किया गिरोह के दो आरोपी फरार है तथा आरोपियों के पास से ठगी की गई रकम में से 7लाख, 50हजार नगदी जब्त की गई है। ऑनलाईन वेब साईट से सेवा निवृत अधिकारियों-कर्मचारियों का डाटा निकाल कर देते थे घटना को अंजाम।

मालूम हो कि ईंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से फिक्स डिपाॅजिट खाते से लोन लेकर आरोपियों द्वारा अपराध करने वाले गिरोह ने सेवानिवृत सहायक उप निरीक्षक प्रार्थी पदुमनाथ गुप्ता पिता गेंदराम गुप्ता उम्र 63 वर्ष से विगत 15 जुलाई को प्रार्थी पदुम नाथ गुप्ता के पास एक अज्ञात नंबर से फोन आया फोन करने वाले ने अपने आप को छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय के पेंशन शाखा के हेड क्वार्टर का अधिकारी बताते हुए पेंशन संबंधी जानकारी को अपडेट करने के नाम पर प्रार्थी के बैंक खाते एवं ए.टी.एम. कार्ड संबंधी जानकारी पुछ कर दिनाक – 18 एवं 19 जुलाई के मध्य प्रार्थी के खाते से 2995 रूपये एवं प्रार्थी के परिवार के सदस्यों के नाम किये गये फिक्स डिपॉजिट से अलग अलग समय पर कमशः 2लाख 70हजार रुपये व 2लाख 70हजार रूपये तथा 3लाख रूपये कुल 9लाख 2हजार 995 रूपये की ईटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ठगी कर अलग अलग खाता नंबरों पर स्थानांतरित कर ए.टी.एम कार्ड के माध्यम से देवघर सरैया हाट , गोड्डा , सभी राज्य झारखण्ड के एटीएम बूथ में जाकर मुंह बांध कर रकम निकाल लिया गया था वहीं प्रार्थी को जब 20 जुलाई को अपने मोबाईल में आये मैसेज के माध्यम से रकम आहरण संबंधी जानकारी एवं ठगी का एहसास होने पर सायबर सेल बिलासपुर आकर संपर्क किया, तथा अपने साथ घटित घटना की जानकारी दी इस पर घटना की सूचना पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल को अवगत कराने पर उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए प्रार्थी को थाना सिटी कोतवाली में जाकर प्राथमिकी दर्ज कराने एवं कोतवाली पुलिस एवं सायबर की टीम को अविलंब जांच करने का निर्देश दिये।

प्राथमिकी करने के उपरान्त पुलिस अधीक्षक द्वारा अति. पुलिस अधीक्षक शहर ओ.पी. शर्मा नगर पुलिस अधीक्षक कोतवाली निमेष बरैया, के नेतृत्व में थाना प्रभारी कोतवाली एव सायबर सेल की टीम गठित कर आरोपियों की पतासाजी हेतु आवश्यक अनुसंधान प्रारंभ किया गया जिसमें तकनिकी आधार पर यह पाया गया कि प्रार्थी को जिस मोबाईल नंबर से फोन किया गया था वह झारखंड के दुमका जिले के सरैया हाट थाना क्षेत्र में आता है। आरोपियों द्वारा प्रार्थी के खाते से 2,999 रूपये एवं उनके परिवार के सदस्यों के नाम से लिये गये फिक्स डिपॉजिट के विरूद्ध ईन्टर नेट बैंकिंग के माध्यम से 3लाख रूपये ऑन लाईन लोन लेकर लोन की रकम को अलग-अलग राज्यों के कुल 6 खातों में स्थानांतरित कर रकम एटीएम के माध्यम से आहरण कर लिया गया था। तकनिकी अनुसंधान के माध्यम से यह जानकारी प्राप्त हुई कि प्रार्थी द्वारा कभी भी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग नही किया गया था और न ही इन्टरनेट बैंकिंग संबंधी गूसर आई.डी एवं पासवर्ड बनाया गया था। आरोपियों द्वारा ही दिनाक 15 जुलाई को प्रार्थी के खाते से सबंधित जानकारी हासिल कर एस.बी.आई. के ऑन लाईन बँकिंग साईट पर जाकर फर्जी यूसर आई डी , बनाकर एवं तीन चरणों में ओ टी पी हासिल कर सिक्योर लॉगीन जनरेट कर घटना कारित किया गया था। जिसकी सूचना पुलिस अधीक्षक महोदय को देकर इनके निर्देशन में तत्काल एक टीम बिहार झारखंड रवाना किया गया जो 10 दिनों तक अथक परिश्रम कर बिहार एवं झारखंड राज्यों के विभिन्न स्थानों का भ्रमण कर आरोपियों के संबंध में जानकारी हासिल किये , तकनिकी आधार पर आरोपियों की पहचान की गई गिरफ्तार आरोपियों में संजय कुमार मंडल पिता ज्योतिष गंडल उस 37 वर्ष निवासी सालजोरा बंदरी पोस्ट जोकेला थाना सरैया हाट जिला दुमका झारखण्ड, अमोद मंडल पिता बेचन मडल उम्र 23 वर्ष निवासी पोईर हाट मिडिल स्कूल के पास थाना चैकी – मोतिया जिला गोड्डा झारखंड , अरूण मंडल पिता रामदेव मंडल उन 35 वर्ष निवासी ग्राम मोतिया जिला गोड्डा थाना गोड्डा चैकी मोतिया झारखंड जबकि फरार आरोपी में गुकेश कुमार मंडल पिता नरेश गंडल उम्र करीब 33 वर्ष निवासी ग्राम सालजोरा बंदरी पोस्ट जोकेला थाना सरैया हाट जिला दुमका झारखण्ड, सुमन कुमार मंडल पिता रख , चितामणि मंडल उन करीब 5 वर्ष निवासी ग्राम सालजोरा बंदरी पोस्ट जोफेला थाना सरैया हाट जिला दुमका झारखण्ड । मुख्य सरगना संजय मंडल , मुकेश मंडल , एवं सुग्न मंडल द्वारा दिनांक 15जुलाई को अपने अन्य सहयोगी साधीयों के साथ मिलकर देश भर के कई राज्यों के सेवानिवृत्त अधिकारियो जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारियों से लेकर चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के लोगों से ठगी किया गया अन्य फरार आरोपियों के संबंध में भी बिलासपुर पुलिस को महत्त्वपूर्ण सूराग मिले हैं जिन्हे शीघ्र ही गिरफ्त में लेकर अन्य मामलों के भी खुलासा हो सकने की संभावना है।

प्रकरण को सुलझाने में बिहार झारखंड जैसे राज्यों में जाकर लगातार परिश्रम कर आरोपियों को गिरफतार मामले में ठगी किये गये रकम में से अधिकांश रकम जो अब तक ठगी के सुलझे मामले में सबसे बड़ी रकग बरामद करने में थाना प्रभारी निरीक्षक कलीग खान, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक प्रमाकर तिवारी उप निरी मनोज नायक, सहा उप निरी , हेमंत आदित्य, आरक्षक दीपक यादव, गोविन्द शर्मा, नवीन एक्का, तथा थाना कोतवाली के प्रधान आरक्षक गजेन्द्र शर्मा, एवं रक्षित केन्द्र बिलासपुर के आरक्षक दीपक उपाध्याय , संतोष यादव की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

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