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सुप्रीम कोर्ट

अनुसूचित जाति, अनसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के अंदर बनेगी नई केटेगरी ! सुप्रीम कोर्ट का मंथन जारी…

देश की सर्वोच्च अदालत अब ये विचार कर रहा है कि क्या SC/ST/OBC के भीतर आरक्षण का लाभ जरूरतमंदों को पहुंचाने के लिए इन ग्रुप्स में सब कैटेगरी बनाई जा सकती है. शीर्ष अदालत की इच्छा है कि अनुसूचित जाति, अनसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के आरक्षण का लाभ इस समूह के उन लोगों को मिले जो अब भी काफी ज्यादा पिछड़े हुए हैं.

देश की सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर विचार करने के लिए 7 जजों की एक संवैधानिक बेंच गठन करने का निर्णय लिया है. ये खंडपीठ इस विषय पर मंथन करेगी कि क्या SC, ST और OBC आरक्षण सूची के अंदर ही एक और उपश्रेणी तैयार की जाए, ताकि इसका लाभ इन्ही तीन समूहों के अत्यंत पिछड़े लोगों को दिया जा सके. इस मामले पर सुनवाई के दौरान गुरुवार को कोर्ट ने कहा कि यदि राज्य सरकार के पास आरक्षण देने की ताकत होती है, तो वह उप-वर्गीकरण (sub classification) करने का भी अधिकार रखती है और इस तरह के उप-वर्गीकरण को आरक्षण की फेहरिस्त के साथ छेड़छाड़ के बराबर नहीं माना जा सकता है.

इससे पहले 5 न्यायाधीशों की बेंच ने कहा था कि उप वर्गीकरण नहीं किया जा सकता है. किन्तु आज पांच जजों की पीठ ने कहा कि उप वर्गीकरण विधिसम्मत है. शीर्ष अदलात की 5 जजों की बेंच ने कहा है कि राज्य की विधानसभा अनुसूचित जाति समूह के भीतर कुछ विशेष जातियों को विशेष सुविधा प्रदान करने के लिए कानून बना सकती है.

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