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छत्तीसगढ़

भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में अब पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिया भी शामिल…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत अब अनुसूचित क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल पर पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी, हाट पहरिया, बाजा मोहरिया आदि नामों से जाना जाता है, जिनके पास कृषि भूमि है उन्हें भी योजना के तहत पात्रता होगी, लेकिन इस वर्ग के वे परिवार जिन्हें शासन से सामाजिक भत्ता एवं आर्थिक सहायता अन्य योजना से मिल रही है, वे इसके लिए पात्र नहीं होंगे।

गौरतलब है कि इस योजना के तहत प्रतिवर्ष 6 हजार के स्थान पर अब 7 हजार रूपये हितग्राहियों को दिया जाएगा। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अंतर्गत पंजीयन कराने से छूटे हुए हितग्राहियों एवं नवीन आवेदनों की पंजीयन के लिए कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राही अपने क्षेत्र के ग्राम पंचायत एवं जनपद पंचायतों से शीघ्र संपर्क कर पंजीयन हेतु आवेदन प्रस्तुत कर सकते है।

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राही जो पंजीयन करानेे से छूट गए है एवं नवीन पंजीयन हेतु आवेदन 10 जून तक किया जा सकता है।

कार्यक्रम के अनुसार जनपद पंचायत स्तर पर पोर्टल में प्रविष्टि कर पंजीयन 11 जून से 17 जून तक होगा। प्राप्त आवेदनों का ग्राम पंचायत में परीक्षण 18 से 24 जून तक होगा। परीक्षण उपरांत दावा आपत्ति प्राप्त करने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर सूची का प्रकाशन 27 जून को होगा। ग्राम पंचायत स्तर पर दावा आपत्ति 30 जून से 7 जुलाई तक प्रस्तुत किया जा सकेगा। 8 जुलाई को विशेष ग्राम सभा में दावा प्राप्त आपत्तियों का निराकरण किया जाएगा। ग्राम सभा से प्राप्त प्रतिवेदन अनुसार पात्र-अपात्र हितग्राहियों का वेबसाईट में अद्यतीकरण जनपद स्तर पर 9 जुलाई से 15 जुलाई तक किया जाएगा। अंतिम सत्यापित सूची का प्रकाशन 18 जुलाई को किया जाएगा।

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