बिलासपुर: बिलासा दाई के वंशजों ने मांगा आरक्षण का लाभ, सरकार पर लगाया वादा खिलाफी का आरोप…
वीरांगना बिलासा दाई केवटिन के नाम बिलासपुर नाम पड़ा। आज उन्ही के वंशज निषाद समाज के लोग अपने हक और आरक्षण की मांग को लेकर
बिलासपुर। मछुआ समुदाय का मुख्य काम मछली पालन है. छत्तीसगढ़ में मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है, छत्तीसगढ़ में मछुआ नीति भी बना चुकी है, इसके बावजदू मछुआ समुदाय के लोग मछली पालन से कोसों दूर हैं, जानकारी की कमी की वजह से उन्हें सरकार की योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल पाता. आखिर क्या वजह है कि मछुआ समुदाय के लोग अपने पैतृक व्यवसाय से दूर जा रहे हैं। अपनी मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम सहायक कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद पार्टी) के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार निषाद ने कहा की जिस वीरांगना बिलासा दाई केवटिन के नाम बिलासपुर नाम पड़ा। आज उन्ही के वंशज निषाद (मांझी) समाज के लोग अपने हक और आरक्षण की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे और ज्ञापन सौंपते हुए भूपेश सरकार के ऊपर वादा खिलाफी का आरोप लगाया।
दरअसल निषाद मांझी समाज का कहना है की आज बिलासपुर को बिलासा दाई के नाम से जाना जाता है। यहां तक कि एयरपोर्ट को भी बिलासा दाई का नाम दिया गया है। हम सभी उनके वंशज है, जो हमे अधिकार और हक मिलना चाहिए था उसको सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। जब जब चुनाव आता है तब भाजपा और कांग्रेस उन्हे एसटी वर्ग समान आरक्षण दिए जाने का सिर्फ आश्वासन दिया जाता रहा है।
इस बार भी वर्तमान सरकार ने वादा करके तोड़ दिया। समाज के लोगों ने सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कहा की जल्द से जल्द सरकार उन्हे एसटी वर्ग समान आरक्षण का लाभ दें क्योंकि समाज अब किसी पार्टी के बहकावे में नहीं आयेगा और आगामी विधानसभा की खुद तैयारी करेगा।