छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बगैर किसी का नाम लिखे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर फिर सियासी हमला बोला है। उन्होंने अपने ट्विटर एकाउंट पर लिखा है- वैसे नान की डायरी में नागपुर से लखनऊ तक का ज़िक्र है वो किस Swipe Machine से हस्तांतरित हुए थे। प्रदेश की जनता जानना चाह रही है।
“भ्रष्टाचार के अंतरराष्ट्रीय पितामह” को लगता है कि मार्गदर्शक मंडल में हुई “वाइल्ड कार्ड एंट्री” से बाहर आने के लिए छत्तीसगढ़ को बदनाम करेंगे, ये नहीं चलेगा। कौन किसका ATM है, इसका प्रमाण तो देना ही पड़ेगा। पनामा के खाते में दर्ज है जिनका नाम वो फिर करने लगे छत्तीसगढ़ को बदनाम…। बता दें कि पनामा पेपर में किसी अभिषाक सिंह के नाम का जिक्र है, जिसे लेकर छत्तीसगढ़ में भाजपा-कांग्रेस के बीच जमकर बवाल मचता रहा है।
वैसे नान की डायरी में नागपुर से लखनऊ तक का ज़िक्र है वो किस Swipe Machine से हस्तांतरित हुए थे, प्रदेश की जनता जानना चाह रही है। https://t.co/UNX3XcUdYo
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 12, 2022
नान केस में ACB-EOW ने मारा था छापा
छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन और आर्थिक अपराध ब्यूरो ने 12 फरवरी 2015 को नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के मुख्यालय सहित अधिकारियों-कर्मचारियों के 28 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा था। वहां से करोड़ों रुपए की नकदी, कथित भ्रष्टाचार से संबंधित कई दस्तावेज, डायरी, कम्प्यूटर की हार्ड डिस्क समेत कई दस्तावेज मिले। आरोप था, राइस मिलों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया और इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वत ली गई। शुरुआत में शिवशंकर भट्ट सहित 27 लोगों के खिलाफ मामला चला। नान घोटाला 36 हजार करोड़ का घोटाला बताया जाता है।