Advertisement
छत्तीसगढ़

बड़े पैमाने में पटवारियों के तबादला मामले पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक, तबादले नीति को चुनोती देते हुए पटवारियों ने लगाई थी याचिका…

तबादले नीति को चुनोती देते हुए पटवारियों द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, संदीप सिंह और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिका में यह आधार लिया गया कि...

बिलासपुर। आलोक तिवारी पटवारी पटवारी हल्का नंबर 29 मोपका जिला बिलासपुर में कार्यरत थे। इनका स्थानांतरण कलेक्टर भू अभिलेख शाखा से गौरेला पेंड्रा मरवाही कर दिया गया। इसी तरह अन्य पटवारी सूरज दुबे, फिरोज आलम, राजेंद्र साहू, राकेश कुमार पांडेउत्तम चंद्राकर का भी शासन के आदेश 30 सितंबर को अवर सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा अन्य जिलों में ट्रांसफर कर दिया गया था।

राज्य शासन के तबादले नीति को चुनोती देते हुए पटवारियों द्वारा हाईकोर्ट अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी, संदीप सिंह और नरेंद्र मेहेर के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की। याचिका में यह आधार लिया गया कि पटवारियों की नियुक्तिकर्ता अधिकारी कलेक्टर है एवं इनके वरिष्ठता जिले के आधार पर रहती है तथा इनके जिले से बाहर स्थानांतरण किया जाता है तो इनकी वरिष्ठता नीचे हो जाएगी। साथ ही साथ भू राजस्व संहिता की धारा 104 में नियुक्ति और सेवाओं का अधिकार कलेक्टर को दिया गया है।

राजस्व पुस्तक परिपत्र के खंड पांच की कंडिका 16 के संशोधित आदेश में पटवारियों को उनके जिले के भीतर कलेक्टर को ही स्थानांतरण का अधिकार दिया गया है। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव और अवर सचिव को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।

error: Content is protected !!