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बिलासपुर

बिलासपुर: अपनी बच्ची को पाने कलेक्ट्रेट गेट के समाने मां का अनिश्चित कालीन धरना जारी…

नियम और कायदा के चक्कर में लाचार मां अपनी बच्ची को पाने के लिए शनिवार दोपहर 2 बजे से कलेक्ट्रेट के गेट में अनिश्चित कॉल के लिए बैठ

बिलासपुर। नियम और कायदा के चक्कर में लाचार मां अपनी बच्ची को पाने के लिए शनिवार दोपहर 2 बजे से कलेक्ट्रेट के गेट में अनिश्चित कॉल के लिए बैठ गई है। मां का रो रोकर बुरा हाल होता चला जा रहा है। इस ठंड के मौसम में रात में अपनी बच्ची को पाने की गुहार लगाते हुए मां इस आस में बैठी है की अब तक कोई जिम्मेदार अधिकारी सीडब्ल्यूसी से उसकी 9 साल की बच्ची लाकर उसे सौंप दें। पर वाह रे जिला प्रशासन दोपहर से बैठी है इस दुखियारी मां के दुख को समझने कोई प्रयास नहीं कर रहा है एसडीएम तो आए पर अपने आप को लाचार और अक्षम दिखाते हुए वहां से चल पड़े।

वही कलेक्ट्रेट पहुंचे सीडब्ल्यूसी के नोडल अधिकारी ने गोवर्धन धीवर तो अपने हद से बाहर निकल कर गंभीर और गैर जिम्मेदाराना बयान तक दे डाला। नोडल अधिकारी साहब कहते है की मां ने फर्जी रिपोर्ट दर्ज कराया है। पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए यह तक कह डाला की हम जांच कर रहे है। जबकि जांच का काम तो पुलिस का होता है।

नोडल अधिकारी के इस बयान पर पुलिस के आईपीएस अफसर संदीप पटेल ने कहा की ये बिलकुल गलत है, कोई फर्जी केस नही लिखी गई है। पीड़िता और उसकी मां ने केस दर्ज कराया है और 164 का बयान भी हो गया है। रही बात आरोपी की हम पतासाजी कर रहे है, बहुत ही जल्द आरोपी गिरफ्तार होगा।

दरअसल मां का आरोप है कि उसकी 9 वर्षीय बच्ची को उसके ही खुद के रसूखदार उद्योगपति सगे पिता ने अपनी हवस का शिकार बनाया। कई दिनों तक बच्ची ने कुछ नही बताया पर एक दिन उसने अपनी आप बीती बताई तब थाने में पति के खिलाफ़ एफआईआर दर्ज कराया। तब पुलिस ने बच्ची को सीडब्ल्यूसी भेज दिया। अब मां लगातार बच्ची को पाने सीडब्ल्यूसी के पास जा रही है पर सीडब्ल्यूसी बच्ची को देने में आनाकानी कर रहे है। इसको लेकर जब बेबस मां ने हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका भी लगाई, तब मामले की गंभीरता और मां की गुहार पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने सीडब्ल्यूसी को मां के प्रकरण का 7 दिन के भीतर निराकरण करने का निर्देश दिया था।

7 दिन बीत जाने के बाद भी मां को उसकी बच्ची नहीं मिली। फिर बच्ची की मां ने कलेक्टर के कोर्ट में मामला पेश किया। पर अब तक 60 दिन बीत जाने के बावजूद बच्ची नही मिलने से एक बेबस और लाचार मां परेशान है। मां का आरोप है को उसके पति एक रसुखदार परिवार से है जिसके प्रभाव के कारण उसे उसकी बच्ची नहीं मिल पा रही है। अब तो 164 का बयान भी हो गया है, नियम कहता है की 164 के बयान के बाद बच्ची को सीडब्ल्यूसी नहीं रख सकता। जानकारी मिली है की बच्ची को रायगढ़ शिफ्ट किया जा रहा है। इससे परेशान होकर आज बच्ची की मां कलेक्ट्रेट गेट के बाहर अनिश्चित कालीन के लिए धरने पर बैठ गई है। मां का कहना है की जब तक उसकी बच्ची उसे नही मिलती वो यहां से नही उठेगी।

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