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बिलासपुर: बीएनआई की लूट का व्यापार मेला: बिजली कनेक्शन के नाम पर स्टॉल लगाने वालों को चपत…100 रुपए से भी कम की बिजली जलाएंगे…चार्ज किया जा रहा 16 सौ रुपए…

बीएनआई की बिलासपुर इकाई ने 10 से 16 जनवरी तक साइंस कॉलेज मैदान में व्यापार व उद्योग मेला लगा रखा है। मेला लगाने से पहले बीएनआई...

बिलासपुर। बीएनआई (बिजनेस नेटवर्क इंटरनेशनल) की बिलासपुर इकाई के जिम्मेदारों ने लूट की सीमा को ही लांघ दिया है। ये रोड किनारे छोटे-मोटे व्यवसाय करने वालों को ही नहीं, बल्कि मैदान के अंदर स्टॉल लगाने वाले उद्योगपतियों को भी अपना शिकार बना रहे हैं।

बीएनआई के स्थानीय जिम्मेदारों ने बिजली कनेक्शन के नाम पर हर स्टॉल वालों से 16 से 17 सौ रुपए वसूल लिए हैं, जबकि इन स्टॉलों में सात दिन में 100 रुपए से भी कम की बिजली खपत होगी। बीएनआई की बिलासपुर इकाई ने 10 से 16 जनवरी तक साइंस कॉलेज मैदान में व्यापार व उद्योग मेला लगा रखा है। मेला लगाने से पहले बीएनआई के स्थानीय पदाधिकारी यानी कि डॉ. किरणपाल चावला एंड कंपनी ने जोर-शोर से प्रचार किया। सोशल मीडिया से लेकर होर्डिंग्स से प्रचार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।

दावा किया गया कि यहां स्थानीय व्यापारियों और उद्योगपतियों को उनके व्यापार के विस्तार के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराया जाएगा। यही नहीं, प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर डॉ. चावला ने उद्योगों को बढ़ावा देने का दंभ भी भरा। इनके झांसे में आकर देखते ही देखते 300 से अधिक स्टॉल बुक हो गए। हरेक स्टॉल से 25 से 30 हजार रुपए लिए गए हैं, वह भी सात दिन के लिए। लेकिन इन्हें रसीद 20 हजार की थमाई गई है, लेकिन कम की रसीद थमाने का लॉजिक तो डॉ. चावला एंड कंपनी ही बता सकती है।

स्टॉल लगाने के बाद जब व्यापारी व उद्योगपतियों ने सुविधाओं की मांग की तो उन्हें बताया गया कि जो फीस ली गई है, वह सिर्फ स्टॉल की है। यदि वे स्टॉल में लाइट लगाना चाहते हैं तो उसका चार्ज अलग से देना पड़ेगा। स्टॉल लगाने वाले व्यापारियों के अनुसार हरेक स्टॉल से डॉ. चावला एंड कंपनी ने 16 से 17 सौ रुपए वसूले हैं। इस हिसाब से सभी स्टॉल मिलाकर 5 लाख रुपए से अधिक की बेजा वसूली कर ली गई है। इतनी रकम देने के बाद स्टॉल वालों को दो लाइट लगाने की अनुमति दी गई है। बताया जा रहा है कि दो लाइट जलाने पर एक दिन की बिजली खपत अधिकतम 10 से 12 रुपए आएगी। इस हिसाब से 7 दिन में कुल 70 रुपए। यानी कि 300 स्टॉल में कुल बिजली खपत 21 हजार रुपए के आसपास आएगी, जबकि वसूली 5 लाख रुपए से अधिक की हुई है। यानी कि बिजली बेचकर भी डॉ. चावला एंड कंपनी ने 5 लाख रुपए की कमाई कर ली है।

शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी: धर

बिजली कंपनी के सीई श्रीधर का कहना है कि यदि व्यापार मेल में बिजली के नाम पर व्यापारियों से वसूली की जा रही है तो इसकी शिकायत कंपनी से करें तत्काल कार्रवाई की जाएगी। यदि एक यूनिट की खपत एक दिन में हो रही है तो अधिकतम खर्च 10 से 12 रुपए ही आएगा।

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