अरपा भैंसाझर परियोजना में भ्रष्टचार और अनियमितता, एसडीएम आनंदरूप तिवारी सहित 10 कर्मचारी दोषी, तत्कालीन पटवारी निलंबित…
तखतपुर सहित कोटा और बिल्हा के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्व मंत्री स्व.मनहरण लाल पांडेय के द्वारा शुरू किए गए...
बिलासपुर। तखतपुर सहित कोटा और बिल्हा के कृषकों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पूर्व मंत्री स्व.मनहरण लाल पांडेय के द्वारा शुरू किए गए अरपा भैंसाझर परियोजना में भ्रष्टचार और अनियमितता को लेकर कार्यवाही शुरू हो गई है। तत्कालीन सकरी पटवारी को कलेक्टर अवनीश शरण ने निलंबित कर दिया है। कलेक्टर द्वारा बनाई गई छः सदस्यीय जांच समिति के द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट में तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व और भू अर्जन अधिकारी आनंदरूप तिवारी सहित राजस्व और जल संसाधन विभाग के 10 कर्मचारी दोषी पाए गए हैं।
ज्ञातव्य है कि अरपा भैंसाझार परिजोयना में भ्रष्टाचार और अनियमितता का मुद्दा बिल्हा विधायक धरमलाल कौशिक के द्वारा विधानसभा में उठाया गया। जिसके जवाब के राजस्व मंत्री ने अनियमितता और भ्रष्टाचार की बात स्वीकार किया था और दोषियों के विरुद्ध कार्यवाही की बात कही थी।
यह हुआ था भ्रष्टाचार
अरपा भैंसाझार परियोजना में अलग अलग 10 खसरो के अधिग्रहित किए भूखंड में नहर बनाया ही नही गया है, जबकि करोड़ों की मुआवजा राशि का भुगतान किया गया है। इसी तरह निर्धारित ड्राइंग डिजाइन से अलग जमीन में नहर बनाया गया है। इस तरह मुआवजे की करोड़ों की राशि का बंदरबांट किया गया।
यह है अरपा भैंसाझार परियोजना
अरपा भैसाझार परियोजना की नीव पूर्व सिंचाई मंत्री मनहरण लाल पांडेय द्वारा 1978-79 में रखी गई।जो अब तक पूरा नहीं हो पाया है। इस परियोजना से कोटा तखतपुर और बिल्हा के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। 604 करोड़ की स्वीकृति वाली इस परियोजना की लागत अभी तक 1141.90 करोड़ तक पहुंच गई है।
इनको पाया गया है दोषी
छः सदस्यीय जांच दल ने कलेक्टर को सौंपे रिपोर्ट में तत्कालीन एसडीएम और भू अर्जन अधिकारी आनंद रूप तिवारी, और कीर्तिमान सिंह राठौर, जल संसाधन विभाग के तत्कालीन कार्यपालन अभियंता कोटा आर एस नायडू, अशोक कुमार तिवारी उप अभियंता आर के राजपूत, तखतपुर एसडीओ आर पी तिवारी, अरितिक्त तहसीलदार सकरी मोहर साय सिदार, आरआई राहुल सिंह और तत्कालीन पटवारियों को दोषी बताया गया है।