
बिलासपुर। ग्राम पंचायत रामदेई के ग्रामवासियों और पंचों ने अपने सरपंच सीमा भारत जायसवाल और उनके रिश्तेदारों पर भ्रष्टाचार, फर्जी बिलों और विकास कार्यों में अनियमितताओं का गंभीर आरोप लगाया है। इसके खिलाफ उन्होंने जनपद पंचायत कोटा में एक सामूहिक निवेदन पत्र सौंपा है। ग्रामवासियों का कहना है कि चार साल के कार्यकाल के दौरान सरपंच और उनके सहयोगियों ने विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपयों का गबन किया है।
गांव के बहुचर्चित और विवादित सरपंच सीमा जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने ग्राम विकास के नाम पर फर्जी बिल और वाउचर के जरिए भारी रकम निकाली। उनके भतीजे की ठेकेदारी में अधूरे और निम्न स्तरीय कार्य कराए गए, जिनमें गुणवत्ता की भारी कमी थी। इन कार्यों के लिए सरकारी योजनाओं के तहत मिली राशि का दुरुपयोग किया गया।
ग्रामवासियों के अनुसार, कई बार इन अनियमितताओं की शिकायत की गई, लेकिन उचित कार्यवाही नहीं हुई। इसके चलते पिछले साल पंचों ने सरपंच के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया, जिसे 01 अक्टूबर 2023 को 9-1 के बहुमत से पारित कर दिया गया। इसके बावजूद, सरपंच सीमा जायसवाल को नियम विरुद्ध तरीके से बहाल कर दिया गया, जिससे उनके खिलाफ गुस्सा और बढ़ गया।
आरोपों के अनुसार, सरपंच के भतीजे संदीप जायसवाल और उनके सहयोगी ग्रामीणों को लगातार धमकाते रहते हैं। विशेषकर अनुसूचित जनजाति के उपसरपंच और अन्य आदिवासी ग्रामीणों के साथ मारपीट और जातिगत अपमान का मामला सामने आया है। इसके चलते ग्राम में तनाव का माहौल है और वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, और बुद्धिजीवियों को भी अपमानित किया जा रहा है।
ग्राम पंचायत के वर्तमान सचिव सुमित यादव पर भी आरोप है कि उन्होंने बिना पंचायती बैठक और बिना प्रस्ताव के 4 लाख रुपये का आहरण कर गबन किया। यादव पहले भी भ्रष्टाचार के आरोपों में निलंबित रह चुके हैं, लेकिन उन्हें फिर से बहाल कर दिया गया। यह कदम ग्रामवासियों में रोष का कारण बना हुआ है।
ग्रामवासियों ने जनपद पंचायत कोटा से मांग की है कि सरपंच सीमा जायसवाल, उनके भतीजे संदीप जायसवाल, पूर्व सचिव कुमार सिंह मरावी और वर्तमान सचिव सुमित यादव के खिलाफ कड़ी दंडात्मक कार्यवाही की जाए ताकि गांव में भ्रष्टाचार का अंत हो सके और न्याय स्थापित हो सके।
ग्रामवासियों की इस मांग ने स्पष्ट कर दिया है कि पंचायत और प्रशासन के स्तर पर तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता है। पंचायत के बहुमत पंचों, महिला समूहों, और वरिष्ठ नागरिकों ने एकजुट होकर प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। यदि इस पर शीघ्र और निष्पक्ष कार्यवाही नहीं होती, तो गांव में असंतोष और बढ़ सकता है।