Wednesday, December 11, 2024
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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने व्यापार विहार “ऑक्सीजन जोन” पर स्वतः लिया संज्ञान, जनहित याचिका (PIL) की कार्यवाही…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने समाचार पत्र में प्रकाशित एक समाचार लेख के आधार पर स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका (PIL) दायर की है। समाचार में बिलासपुर के व्यापार विहार में बनाए गए “ऑक्सीजन जोन” की दयनीय स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित किया गया था। इस जोन का उद्देश्य शहरवासियों को हरित क्षेत्र और ताजी हवा का स्रोत प्रदान करना था, लेकिन रखरखाव के अभाव और कचरा डंपिंग के कारण इसकी स्थिति बेहद खराब हो गई है।

समाचार लेख में बताया गया कि लगभग ₹2 करोड़ की लागत से निर्मित इस ऑक्सीजन जोन का वर्तमान में उपयोग बिलासपुर नगर निगम द्वारा कचरा डंपिंग स्थल के रूप में किया जा रहा है। क्षेत्र के ठेकेदार रामकी द्वारा यहां कचरा डंपिंग की व्यवस्था की गई है, जिसके चलते इलाके में बदबू और अस्वच्छता की स्थिति गंभीर हो गई है। यह समस्या आसपास के निवासियों के लिए अत्यधिक असुविधा का कारण बन रही है, जो इस हरित क्षेत्र का उपयोग स्वच्छ वातावरण के लिए करना चाहते थे। अधिकांश पौधे मर चुके हैं, और ऑक्सीजन जोन का उद्देश्य पूरी तरह से विफल हो चुका है।

इस मुद्दे पर उच्च न्यायालय की सुनवाई में बिलासपुर नगर निगम (प्रतिवादी संख्या 6) के वकील ने अदालत को सूचित किया कि कचरा डंपिंग के लिए जिम्मेदार प्रतिवादी संख्या 7 को पहले ही नोटिस जारी किया जा चुका है। वकील ने यह भी बताया कि ऑक्सीजन जोन की सफाई की जा चुकी है, और इस दावे का समर्थन करने के लिए अदालत के सामने तस्वीरें पेश की गईं।

अदालत ने मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रतिवादी संख्या 6 (बिलासपुर नगर निगम) को निर्देश दिया कि वह संबंधित क्षेत्र में की गई सफाई और सुधारात्मक उपायों के संबंध में एक व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करे। इसमें क्षेत्र की स्थिति को दर्शाने वाली तस्वीरें भी शामिल होंगी, ताकि यह साबित हो सके कि स्थिति में सुधार किया गया है। इसके अलावा, अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर, 2024 को निर्धारित की है, जिससे साफ है कि अदालत इस मामले पर कड़ी नजर रख रही है और स्थिति की निगरानी कर रही है।

यह याचिका बिलासपुर शहर में हरित क्षेत्र की उपेक्षा और शहरवासियों के स्वास्थ्य के प्रति प्रशासन की उदासीनता की ओर ध्यान खींचती है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की सक्रियता से यह उम्मीद की जा सकती है कि इस मामले में उचित कार्रवाई होगी और “ऑक्सीजन जोन” को उसके मूल उद्देश्य में वापस लाने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

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