बिलासपुर, 21 जनवरी। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए प्रशासनिक सख्ती लगातार बढ़ाई जा रही है। कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर जिले में धान के अवैध संग्रहण और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। इसी क्रम में जिले की संयुक्त टीम ने सत्यापन में धान की उपलब्धता नहीं मिलने पर 1222 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कराया।
कलेक्टर अवनीश शरण ने कहा कि धान खरीदी की सीमा अब बहुत कम बची है। ऐसे में सत्यापन और जांच का कार्य अधिक सतर्कता और गहनता से किया जा रहा है ताकि दलालों और बिचौलियों को कोई मौका न मिले। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि केवल पात्र किसान ही समर्थन मूल्य पर धान बेच सकें और अवैध गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके।
सत्यापन की कार्रवाई का विवरण
जिले के खाद्य अधिकारी अनुराग भदौरिया ने बताया कि धान खरीदी केंद्रों पर सत्यापन के दौरान बड़ी अनियमितताएं सामने आईं।
- तहसील पचपेड़ी: धान उपार्जन केंद्र जोधरा
- यहां भौतिक सत्यापन नायब तहसीलदार द्वारा किया गया। मौके पर 09 किसानों के पास 383.20 क्विंटल धान का सत्यापन हुआ और उतने रकबे का समर्पण कराया गया।
- तहसील मस्तुरी: धान उपार्जन केंद्र जैतपुर
- जैतपुर केंद्र में 278 क्विंटल धान का सत्यापन किया गया। यह लगभग 13.5 एकड़ के रकबे के बराबर था, जिसका समर्पण कराया गया।
- तहसील मस्तुरी: धान उपार्जन केंद्र विद्याडीह
- यहां कुल 91 क्विंटल धान का सत्यापन हुआ और उसे संबंधित रकबे के साथ समर्पित किया गया।
- तहसील सीपत: धान उपार्जन केंद्र जेवरा
- इस केंद्र पर एक किसान द्वारा 470 क्विंटल धान के लिए टोकन कटवाया गया था। लेकिन पटवारी द्वारा किए गए भौतिक सत्यापन में किसान के पास धान नहीं पाया गया। इसके परिणामस्वरूप किसान से रकबा समर्पण कराया गया।
प्रशासनिक सख्ती का असर
कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, धान खरीदी प्रक्रिया में दलालों और बिचौलियों को रोकने के लिए निरंतर निगरानी की जा रही है। धान के सत्यापन में अनियमितता पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई की जा रही है। इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित हो रहा है कि असली किसानों को समर्थन मूल्य का लाभ मिले और सरकारी योजनाओं का दुरुपयोग न हो।
किसानों के लिए संदेश
जिला प्रशासन ने किसानों से अपील की है कि वे केवल अपने रकबे के अनुसार ही धान का विक्रय करें। यदि कोई किसान सत्यापन के दौरान गलत जानकारी देते हुए पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और किसानों को उनके अधिकार दिलाने के लिए प्रशासन पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम कर रहा है। यह कार्रवाई आने वाले समय में अवैध गतिविधियों पर पूर्णतः अंकुश लगाने में सहायक साबित होगी।