रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले को लेकर एक बार फिर बड़ी कार्रवाई सामने आई है। इस मामले में जेल में बंद पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके करीबी सहयोगियों के ठिकानों पर ACB (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) और EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) की संयुक्त टीमों ने छापेमारी की है।
सूत्रों के अनुसार, बस्तर संभाग के सुकमा, तोंगपाल, जगदलपुर और दंतेवाड़ा जिलों में 13 स्थानों पर तथा राजधानी रायपुर में 2 ठिकानों सहित कुल 15 जगहों पर एक साथ दबिश दी गई है। यह कार्रवाई शनिवार सुबह से शुरू हुई है।
बताया जा रहा है कि कवासी लखमा के खिलाफ 2161 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में एफआईआर दर्ज है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था कि आबकारी मंत्री रहते हुए लखमा को हर महीने 50 लाख रुपए की अवैध राशि दी जाती थी।
इस घोटाले में कोयला और शराब कारोबार से जुड़ी समानांतर भ्रष्टाचार की परतें भी उजागर हुई थीं। ED ने दो पूर्व मंत्रियों, कई विधायकों और अन्य रसूखदारों सहित कुल 100 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज कराई थी। इस सूची में लखमा के अलावा पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत भगत, पूर्व विधायक यूडी मिंज, गुलाब कमरो और शिशुपाल के नाम भी शामिल हैं।
घोटाले की तह तक जाने पर ED ने इस मामले में IAS अफसर, कारोबारी अनवर ढेबर और अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी को ‘ट्रिपल A’ गिरोह बताकर मुख्य साजिशकर्ता बताया था। अब ACB और EOW की यह छापेमारी ED की रिपोर्ट के आधार पर अलग से जांच को आगे बढ़ा रही है।
राजनीतिक गलियारों में इस कार्रवाई को लेकर सरगर्मी तेज है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया है। आने वाले दिनों में इस मामले में और भी गिरफ्तारियों और खुलासों की संभावना जताई जा रही है।