बिलासपुर, 4 जून 2025। सीपत विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक अरुण तिवारी एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार मामला सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर की गई कथित अभद्र टिप्पणी से जुड़ा है, जिसके बाद उनके खिलाफ सिविल लाइन थाना में एफआईआर दर्ज की गई। यह टिप्पणी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर की गई थी, जिसमें “घर-घर सिंदूर पहुंचाने” जैसे मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का उपयोग किया गया था।
शिकायतकर्ता रणजीत यादव ने इस पोस्ट को लेकर सिविल लाइन थाने में शिकायत दी, जिसके आधार पर पुलिस ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू की। शिकायत में कहा गया कि अरुण तिवारी की फेसबुक आईडी से पीएम मोदी को लेकर बेहद आपत्तिजनक और अशोभनीय भाषा का प्रयोग किया गया है, जो न केवल नैतिक रूप से अनुचित है, बल्कि कानूनन भी दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है।
एफआईआर दर्ज होने के बाद अरुण तिवारी ने सफाई देते हुए एक फेसबुक पोस्ट के जरिए कहा कि उनकी आईडी हैक कर दी गई थी। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने खुद कोई ऐसी पोस्ट नहीं की है और यह किसी साजिश का हिस्सा हो सकता है। तिवारी ने कहा, “मेरे फेसबुक अकाउंट को किसी ने हैक कर पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया है, मैं इस प्रकार की भाषा का समर्थन नहीं करता।”
हालांकि, पुलिस ने उनकी इस सफाई को गंभीरता से न लेते हुए तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें रतनपुर स्थित उनके फार्म हाउस से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, तिवारी के सोशल मीडिया अकाउंट से की गई पोस्ट के तकनीकी विश्लेषण और लोकेशन की जांच की जा रही है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि हैकिंग का दावा सही है या नहीं।
गौरतलब है कि अरुण तिवारी पूर्व में भी कई बार अपने बयानों को लेकर विवादों में रह चुके हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे देश के प्रधानमंत्री से जुड़ा है, जिससे राजनीतिक हलकों में हलचल तेज हो गई है।
फिलहाल, पुलिस तिवारी से पूछताछ कर रही है और उनका मोबाइल व अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त कर जांच की जा रही है। इस पूरे घटनाक्रम से एक बार फिर सोशल मीडिया की जिम्मेदारी और साइबर सुरक्षा के मुद्दे पर बहस छिड़ गई है।