Thursday, June 19, 2025
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युक्तियुक्तकरण या शिक्षा- संहार? : 10,463 स्कूलों की बंदी और 45,000 पदों की कटौती पर कांग्रेस का हमला, किया आंदोलन का ऐलान…

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को लेकर एक बार फिर राजनीति गर्मा गई है। प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए जा रहे युक्तियुक्तकरण (Rationalisation) के फैसले पर कांग्रेस ने तीखा हमला बोला है। पूर्व मंत्री जय सिंह अग्रवाल ने कांग्रेस भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए इसे शिक्षा विरोधी और रोजगार विरोधी निर्णय करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला प्रदेश की भावी पीढ़ी के भविष्य को अंधकार की ओर धकेलने वाला है।

जय सिंह अग्रवाल ने दावा किया कि युक्तियुक्तकरण के नाम पर प्रदेश में 10,463 स्कूलों को सीधे बंद कर दिया गया है, जबकि शेष स्कूलों में शिक्षकों के पदों की भारी कटौती की जा रही है। इससे लगभग 45,000 शिक्षकों के पद समाप्त हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि “नए सेटअप” के तहत स्कूलों में न्यूनतम पदों की संख्या में कटौती कर दी गई है जिससे आने वाले समय में नए शिक्षकों की भर्तियों की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।

अग्रवाल ने विशेष रूप से बस्तर, सरगुजा और जशपुर जैसे दूरस्थ आदिवासी अंचलों में इस फैसले का सबसे बुरा असर होने की चेतावनी दी। उनका कहना है कि ये क्षेत्र पहले से ही शिक्षा और आधारभूत संरचनाओं की दृष्टि से पिछड़े हैं और अब स्कूलों को मर्ज कर देने, शिक्षक पदों की कटौती करने और भर्ती बंद कर देने से यहां के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पाएगी।

वर्तमान में प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रों पर एक शिक्षक का अनुपात है जिसे अब बढ़ाकर 30 छात्रों प्रति शिक्षक कर दिया गया है। वहीं मिडिल स्कूलों में यह अनुपात 26 से बढ़ाकर 35 किया जा रहा है। इससे शिक्षकों के एक-तिहाई पद खत्म हो जाएंगे।
अग्रवाल ने बताया कि एक शिक्षक को अब 18 विषय पढ़ाने, मध्यान्ह भोजन की देखरेख, सरकारी डाक का जवाब और गैर-शैक्षणिक कार्य भी करना होगा। “दो शिक्षकों से 18 विषय पढ़ाना संभव नहीं है,” उन्होंने यह कहते हुए सरकार के फैसले को अव्यवहारिक बताया।

स्कूल बंदी से न केवल शिक्षक, बल्कि हजारों रसोइयों, स्लीपरों, मध्यान्ह भोजन बनाने वाली स्व-सहायता समूह की महिलाओं के समक्ष भी जीवन यापन का संकट खड़ा हो गया है। शिक्षकों के साथ-साथ ये सहायक कर्मचारी भी इस फैसले की चपेट में आए हैं।

पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले दावा किया था कि 58000 शिक्षकों के पद रिक्त हैं और 35000 पदों पर भर्ती की जाएगी। 2025-26 के बजट में भी 2000 पदों पर भर्ती की बात की गई थी, लेकिन अब युक्तियुक्तकरण के बहाने 45000 पद ही समाप्त कर दिए जा रहे हैं, ताकि सरकार को नई भर्ती न करनी पड़े।

कांग्रेस का आंदोलन का ऐलान

कांग्रेस जिला अध्यक्ष विजय केशवानी ने कहा कि भाजपा सरकार ने यह निर्णय बिना किसी पूर्व चर्चा, सहमति और संवाद के थोप दिया है। शिक्षक संगठनों, पालक संघ, छात्र संगठनों या शिक्षाविदों से कोई राय-मशविरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि यह फैसला अधिनायकवादी रवैये का प्रतीक है और इसके खिलाफ कांग्रेस प्रदेशभर में आंदोलन करेगी।

उन्होंने घोषणा की कि आने वाले दिनों में जिले और ब्लॉक स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। आंदोलन की तिथि और स्वरूप जल्द घोषित किया जाएगा।

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