रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की संपत्तियों को अटैच कर दिया है। इस कार्रवाई में सुकमा स्थित कांग्रेस भवन को भी अटैच किया गया है, जिसे कथित रूप से शराब घोटाले की रकम से निर्मित बताया जा रहा है।
ईडी की ओर से जारी सूचना के अनुसार, कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा की कुल 5.50 करोड़ रुपए की संपत्ति और सुकमा में स्थित कांग्रेस कार्यालय की 68 लाख रुपए की संपत्ति को अटैच किया गया है। कुल मिलाकर 6 करोड़ 15 लाख 75 हजार रुपए की संपत्तियों पर ईडी ने शिकंजा कसा है।
शराब घोटाले की परतें खुलीं
शराब घोटाले में कवासी लखमा की संलिप्तता का खुलासा पहले ही हो चुका था, जब ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर पूछताछ की थी। इसी पूछताछ के दौरान यह सामने आया कि शराब कार्टेल से आने वाली अवैध रकम का इस्तेमाल न सिर्फ निजी संपत्ति खरीदने में किया गया, बल्कि सुकमा कांग्रेस भवन के निर्माण में भी इस धन का उपयोग हुआ।
ईडी की जांच में यह तथ्य सामने आया कि इस पूरे नेटवर्क के जरिए कवासी लखमा को हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए की अवैध आमदनी होती थी। अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी जैसे प्रमुख गवाहों ने अपने बयानों में बताया कि कवासी लखमा को महीने में 50 लाख रुपये नकद दिए जाते थे, जबकि अलग से 1.5 करोड़ की रकम भी पहुंचाई जाती थी। यह सिलसिला लगभग 36 महीनों तक चलता रहा।
अफसरों और दलालों की भूमिका
ईडी को जांच में यह भी पता चला कि आबकारी विभाग के अधिकारी इकबाल खान और जैन देवांगन ने इस पूरे पैसे के ट्रांसफर में भूमिका निभाई थी। रकम को कई चरणों में कवासी लखमा तक पहुंचाया जाता था, जिसमें सुकमा में रहने वाला कन्हैयालाल कुर्रे बैग कलेक्ट करता था।
जांच के दौरान जगन्नाथ साहू और उनके बेटे हरीश लखमा के यहां की गई तलाशी में डिजिटल सबूत बरामद किए गए हैं। इन डिजिटल प्रमाणों से पुष्टि हुई कि शराब घोटाले की इस अवैध रकम से कवासी लखमा के बेटे का घर और सुकमा कांग्रेस कार्यालय का निर्माण कराया गया।
राजनीतिक भूचाल
ईडी की इस कार्रवाई से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है। कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है, जबकि भाजपा नेताओं ने इसे भ्रष्टाचार का खुला प्रमाण बताया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ईडी की यह कार्रवाई आने वाले समय में और नेताओं की मुश्किलें बढ़ा सकती है।