बिलासपुर, 13 जुलाई 2025
छत्तीसगढ़ में एक बार फिर परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और सरकार की सुशासन नीति पर सवाल उठ खड़े हुए हैं। बिलासपुर जिले के राम दुलारे स्कूल में आयोजित PWD सिविल इंजीनियरिंग परीक्षा में हाईटेक नकल का चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक महिला परीक्षार्थी – जिसे अब सोशल मीडिया पर ‘मुन्नी बहन’ के नाम से पुकारा जा रहा है – कॉलर में छिपे माइक्रो कैमरा, ईयरपीस और वॉकी-टॉकी जैसे आधुनिक उपकरणों के साथ रंगे हाथ पकड़ी गई।
घटना के अनुसार, उक्त महिला परीक्षार्थी परीक्षा केंद्र में प्रश्नपत्र की तस्वीरें कॉलर में छिपे माइक्रो कैमरे से बाहर भेज रही थी। परीक्षा केंद्र के बाहर एक ऑटो में बैठा उसका सहयोगी वायरलेस माध्यम से उसे प्रश्नों के उत्तर बता रहा था। यह एक बेहद सुनियोजित और तकनीकी रूप से उन्नत नकल प्रणाली थी, जो प्रारंभिक जांच में एक संगठित गिरोह की ओर इशारा करती है।
NSUI की तत्परता से हुआ भंडाफोड़
इस संदेहजनक गतिविधि की जानकारी मिलते ही राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और महिला परीक्षार्थी को रंगे हाथ पकड़ा। कार्यकर्ताओं ने तुरंत निगरानी दल और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, संदेहास्पद ऑटो वाहन और महिला परीक्षार्थी को हिरासत में लेकर जांच शुरू कर दी है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ट्वीट हमला
इस घटना को लेकर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल ने मौजूदा मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर ट्वीट कर कहा:
“वाह! विष्णुदेव जी! वाह @vishnudsai
“तावड़े की पाठशाला” से लौटते ही “परीक्षा घोटाला” से शुरुआत कर दी।
बिलासपुर में PWD की परीक्षा में देखिए कैसे हाईटेक तरीके से धांधली की जा रही है।
“सुशासन” में वॉकी-टॉकी, बॉडी कैमरा और ईयर पीस के माध्यम से “मोदी की गारंटी” पूरी हो रही है।
NSUI के साथी बिलासपुर पहुंच रहे हैं, सभी छात्र-युवा मिलकर आवाज़ उठाएं।”
भूपेश बघेल का यह बयान सीधे तौर पर राज्य सरकार की परीक्षा निगरानी प्रणाली और सुशासन के दावों पर सवाल खड़ा करता है।

क्या है “तावड़े की पाठशाला”?
पूर्व सीएम द्वारा ‘तावड़े की पाठशाला’ शब्द का इस्तेमाल शिक्षा व्यवस्था में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर महाराष्ट्र के एक पुराने घोटाले की ओर संकेत करता है, जिसे तब के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े से जोड़ा गया था। इस संदर्भ में बघेल ने छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार पर तंज कसा है कि “शिक्षा में सुधार” की बात कहकर सत्ता में आई भाजपा सरकार अब खुद नकल माफिया के सामने नाकाम हो रही है।
गिरोह की जांच शुरू, सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह कोई एकल घटना नहीं हो सकती। जिस तरह से तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है, उससे लगता है कि यह एक बड़े रैकेट का हिस्सा हो सकता है, जो पैसे लेकर परीक्षार्थियों को पास कराने में मदद करता है। इस मामले के बाद पूरे राज्य में परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा और निगरानी व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
आगे क्या?
पुलिस ने सभी जब्त डिवाइस को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है और महिला परीक्षार्थी व उसके सहयोगियों से पूछताछ जारी है। प्रशासन अब अन्य परीक्षा केंद्रों में भी इसी तरह की गतिविधियों की जांच कराने पर विचार कर रहा है। NSUI ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की न्यायिक जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।


