Monday, December 23, 2024
Homeबिलासपुरबिलासपुर: कद्दावर मंत्री को हरा कर शहर के विधायक बने शैलेश पांडेय...

बिलासपुर: कद्दावर मंत्री को हरा कर शहर के विधायक बने शैलेश पांडेय को अपमानित करने का सिलसिला बदस्तूर जारी…

बिलासपुर। भाजपा सरकार के कद्दावर मंत्री रहे अमर अग्रवाल को हराकर विधानसभा पहुंचने के बाद भी शहर विधायक शैलेश पांडेय को घर (कांग्रेस) में इज्जत मिलना तो दूर, अपमान की घुंट पीना पड़ रहा है। छह माह बाद भी शहर के कांग्रेसी उन्हें स्वीकार नहीं कर पाए हैं। शायद यही वजह है कि पूर्व मंत्री स्व. बीआर यादव के प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के लिए छपवाए गए आमंत्रण कार्ड में उनका नाम सबसे नीचे रखा गया है। कार्ड को देखकर कोई भी समझ सकता है कि उन्हें मजबूरी में जगह दी गई है। वो तो शुक्र है कि कलेक्टर द्वारा छपवाए गए कार्ड में उनका नाम ऊपर रखा गया है।

विधानसभा चुनाव से पहले की कांग्रेस की राजनीति पर गौर करें तो शहर से प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव का नाम सबसे आगे चल रहा था। यह तो होना भी स्वाभाविक था, क्योंकि कांग्रेस के लिए उन्होंने कांग्रेस भवन में पुलिस की लाठियां जो झेली थीं। दूसरा नाम शैलेश पांडेय का था। उनका नाम कोटा विधानसभा से भी चल रहा था। भाजपा के कद्दावर मंत्री रहे अमर अग्रवाल के खिलाफ सीधा हमला बोलने के कारण शैलेश बिलासपुर की जनता की नजरों में भा गई थी। यही वजह था कि बिलासपुर में टिकट की आस लगाए बैठे नेताओं की आंखों में शैलेश पांडेय चुभ रहे थे। दिल्ली से टिकट बंटा और गिरा शैलेश की झोली में। कांग्रेसियों की मेहनत और शैलेश पांडेय की छवि रंग लाई और वे अमर अग्रवाल को हराकर विधानसभा पहुंच गए। जब मंत्रियों की सूची जारी हुई, तब लग रहा था कि बिलासपुर से कोई मंत्री बनेगा, पर ऐसा नहीं हो सका। गणतंत्र दिवस पर जब ध्वजारोहण की बारी आई तो एक बार फिर बिलासपुर विधायक पांडेय छले गए और झंडा फहराने का अधिकार तखतपुर विधायक रश्मि सिंह को दे दिया गया। हालांकि बाद में सीएम भूपेश बघेल ने यह साफ किया था कि बिलासपुर जिले से दो विधायक हैं। अगली बार पांडेय को मौका दिया जाएगा। सत्ता में आने के बाद बिलासपुर में जितने भी कार्यक्रम हुए हैं, शैलेश पांडेय को वो तवज्जो नहीं मिली, जिसका वे हकदार थे। लोकसभा चुनाव में बुरी तरह से हार के बाद लग रहा था कि अब कांग्रेस के हरेक नेताओं और कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिलेगा, क्योंकि नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के नतीजे पार्टी के पक्ष में हो। प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने कई कार्यक्रमों में यह संदेश भी दिया कि जो कार्यकर्ता मेहनत करेगा, उसे उसका लाभ मिलेगा। पर कांग्रेस तो कांग्रेस है। गुटीय राजनीति से नेता कभी बाज नहीं आएंगे। और हो भी यही रहा है। 30 जून को बृहस्पति बाजार में पूर्व मंत्री यादव की प्रतिमा का अनावरण करने सीएम भूपेश बघेल, दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह समेत अन्य नेता आ रहे हैं। यह कार्यक्रम पूरी तरह से नगर निगम का है। कार्यक्रम में आमंत्रण देने के लिए जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से भी कार्ड छपवाए गए हैं, जिसमें जिला अध्यक्ष विजय केशरवानी, शहर अध्यक्ष नरेंद्र बोलर, प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव और पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष कृष्णकुमार यादव निवेदक हैं।

मुख्य अतिथि सीएम भूपेश बघेल हैं और अध्यक्षता दिग्विजय सिंह करेंगे। इस कार्ड में मेयर किशोर राय का नाम ऊपर है। शहर का प्रथम नागरिक होने के कारण राजनीतिज्ञ इसे सही भी मान रहे हैं, लेकिन शहर विधायक का नाम सबसे नीचे रखने को कोई पचा नहीं पा रहे हैं। हर कोई यही कह रहा है कि आखिर ऐसी क्या खता हो गई शहर विधायक से, जो उन्हें अपनों से ही अपमान झेलना पड़ रहा है। दूसरी ओर, एक कार्ड कलेक्टर ने भी छपवाया है, जिसमें प्रोटोकॉल के हिसाब से अतिथियों के नाम लिखवाए गए हैं। इसमें मेयर के बाद शहर विधायक का नाम है। राजनीतिज्ञ कह रहे हैं कि इस कार्ड से शहर विधायक पांडेय को थोड़ा सम्मान जरूर मिलेगा।

spot_img
RELATED ARTICLES

Recent posts

error: Content is protected !!