बिलासपुर। शहर पहुंचे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, राज्यसभा सांसद एवम राज्यसभा के उपनेता प्रमोद तिवारी प्रेस वार्ता कर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा और मैं बीजेपी के झूठ को उजागर करने और उन्हें चुनौती देने आया हूं कहते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और पूर्व मंत्री अमर अग्रवाल के भाई बृजमोहन अग्रवाल के गाड़ी में ईडी के द्वारा पकड़े गए पांच करोड़ रुपए को लेकर ईडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि ईडी भाजपा की टीम की तरह काम कर रही है। प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आरोप के साथ सवाल भी खड़ा किया।
● भारतीय जनता पार्टी की केंद्र सरकार के इशारों पर ईडी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की छवि खराब करने के उद्देश्य से एक दुर्भावनापूर्वक प्रेस नोट जारी किया। इसमें ईडी ने सिर्फ एक आरोपी के फौरी ब्यान के आधार पर मुख्यमंत्री के खिलाफ बिना किसी प्रमाण के, बिना किसी जांच के पैसे लेने का प्रेसनोट हड़बड़ी में जारी कर दिया। इसी के द्वारा जारी प्रेस नोट यह साबित करने के लिये पर्याप्त है कि यह भाजपा को एक चुनावी मुद्दा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के उद्देश्य से षड़यंत्रपूर्वक जारी किया है।
* जिस ड्राईवर के बयानों के आधार पर मुख्यमंत्री पर अनर्गल आरोप लगाये गये है वह भाजपा का कार्यकर्ता है। वह वरिष्ठ भाजपा नेता प्रेम प्रकाश पांडे के अनन्य सहयोगी पियूष मिश्रा का सहयोगी है। वह रमन सिंह का भी कार्यकर्ता है। रमन सिंह के साथ उसकी तस्वीर सोशल मीडिया में है।
* असीम दास जिसके साथ रमन सिंह और पियूष मिश्रा जो भाजपा का पार्षद है, जो प्रेम प्रकाश पांडे का प्रतिनिधि था उसके बयानों के आधार पर मुख्यमंत्री पर आरोप लगाना साफ करता है कि ईडी का प्रेस नोट भाजपा की साजिश है।
* महादेव एप्प को भाजपा का पूरा संरक्षण है, केंद्र सरकार और भाजपा के संरक्षण में ही महादेव एप्प चल रहा है।
* भाजपा के वरिष्ठ नेता महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस के साथ महादेव एप्प के सरगना सौरभ चंद्राकर और युसूफ पुट्टी जो कि महादेव एप्प का एक सहयोगी है जिसके खिलाफ एफआईआर भी हुई उसकी तस्वीर रमेश बैस के साथ है। युसूफ पुट्टी के साथ दुबई कौन से भाजपा नेता गये थे इसकी जांच होनी चाहिये?
* रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह और रमन के पूर्व 3 नौकरशाह का बेटा दुबई क्यों जाते है इसका जवाब दें? रमन सिंह, अभिषेक सिंह के पासपोर्ट को सार्वजनिक करें।
* भाजपा नेताओं की महादेव एप्प का में संलिप्तता और संरक्षण का यह बड़ा उदाहरण है
* मुख्यमंत्री की छवि खराब करने की कोशिश है। ईडी लगातार कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का षड़यंत्र केंद्र के इशारे पर कर रही है। अब तो इस मामले में भाजपा नेताओं के साथ उसकी सांठगांठ उजागर हो चुकी है।
भाजपा नेता की इनोवा कैश जप्त हुआ
ईडी ने एक काले कलर की इनोवा कार से भी कैश जप्त किया था जो होटल के बेसमेंट में खड़ी थी। इस ब्लैक कार का नंबर CG 12 AR 6300 है इसका रजिस्ट्रेशन कोरबा जिले का है। आरटीओ में
यह कार सनफ्लावर हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड (बृजमोहन अग्रवाल) के नाम पर रजिस्टर्ड है, (इस कंपनी के मालिक बृजमोहन अग्रवाल है जो बिलासपुर के पूर्व विधायक और भाजपा शासन में मंत्री रहे अमर अग्रवाल के भाई है। बृजमोहन अग्रवाल बिलासपुर में बिल्डर है।)
ईडी ने एक काले कलर की इनोवा कार से कैश जप्त किया था जो होटल के बेसमेंट में खड़ी थी। लेकिन अभी तक इस गाड़ी की डिटेल ईडी ने नहीं दी है। सूत्रों से जानकारी मिली है यह गाड़ी एक बड़े बिल्डर की है जो बीजेपी नेता का रिश्तेदार बताया जा रहा है। हालांकि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कोरबा जिले का है। अब सवाल उठ रहे है कि आखिर बीजेपी नेता के रिश्तेदार बिल्डर की कार से जप्त कैश किसके लिए लाया गया था और इस रकम को कहां और किसे बांटा जाना था? लेकिन इस पूरे मामले में ईडी ने कार ड्राइवर असीम को आरोपी बना लिया पर कार मालिक से मामले में अभी तक कोई पूछताछ नही हुई है। सवाल यह भी है कि बिना मालिक के जानकारी के इतनी बड़ी रकम ड्राइवर कैसे ला सकता है? आखिर कार मालिक की इस मामले में क्या भूमिका है? कार का असली मालिक कौन है? भाजपा के कार्यकर्ता असीम दास से रकम जप्त होती हैं, और भाजपा नेता के रिश्तेदार की गाड़ी से पैसा जप्त होता है, आरोप कांग्रेस पर लगाया जाता है, सीधा मतलब यह सब चुनावी साजिश है।
दूसरे दिन भाजपा के कार्यालय से एक वीडियो जारी होता है जिसमें एक शुभम सोनी नाम का व्यक्ति खुद को महादेव एप्प का मालिक घोषित करता है तथा अभी तक महादेव एप्प के चर्चित मालिक सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल को कर्मचारी बताता है।
सवाल यह खड़ा होता है-
* शुभम सोनी के इस वीडियो को भारतीय जनता पार्टी ने क्यों रिलीज किया? भाजपा के पास कहां से आया? यदि यह वीडियो शुभम सोनी ने भाजपा को भेजा है तो उसने भाजपा को ही क्यों भेजा, इनके क्या संबंध है? ईडी इसकी जांच करें भाजपा के पास यह कहां से आया?
* अगर ईडी के पास साक्ष्य आया तो एजेंसी को उसकी पुष्टि करना चाहिये या उसकी जांच किये बिना सार्वजनिक करके किसी की छवि खराब करने का प्रयास करना चाहिये।
* ईडी ने ड्राइवर असीम दास के बयान की बिना जांच किये मुख्यमंत्री की छवि खराब करने के उद्देश्य से प्रेस नोट जारी किया यह सब इसलिये किया गया ताकि चुनाव में बुरी तरह पराजित हो रही भाजपा की मदद की जा सके। जबकि प्रेस नोट में ही लिखा है कि “अभी जांच होनी है।”
* एक सटोरिया वीडियो बना कर कुछ भी बोल देगा भाजपा, ईडी उसको प्रचारित कर रही है यह इनकी नीयत को बताती है।
* यह सारी साजिश चुनाव के मुख्य मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके।
* ईडी महीनों से ‘महादेव एप्प की जांच कर रही है। वह दो दिन पहले तक शुभम सोनी को मैनेजर बता रही थी जबकि सोनी खुद को मालिक बता रहा है। तो सच क्या हैं?
* ईडी के वकील सौरभ पांडे ने एक टीवी चैनल से कहा है कि कूरियर दुबई से सीधे पैसे लेकर आया तो सवाल है कि दुबई में भारतीय मुद्रा कैसे हासिल हुई? दूसरा अगर वह दुबई से लेकर आया है तो रास्ते में कहीं जांच क्यों नहीं हुई? छत्तीसगढ़ में जगह-जगह जांच हो रही है। वह किस रास्ते से आया और रास्ते में उसे पकड़ा क्यों नहीं गया?
* एक समाचार वेबसाइट ने पड़ोसियों के बयान के आधार पर विस्तार से बताया है कैसे एक सूने घर में कुछ लोग पैसा रखकर गए। ये कुछ लोग कौन थे?
* महादेव एप्प बना कर संगठित आर्थिक अपराध सट्टा खिलाने का नेटवर्क पूरे देश में चलाया जा रहा था। छत्तीसगढ़ में महादेव एप्प के संचालन की जानकारी सामने आयी थी। इस प्रकार की गतिविधियों की जानकारी सामने आने के बाद महादेव एप्प में छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार कार्यवाही की जा रही है। बड़े पैमाने पर अपराधियों की छत्तीसगढ़ और देश भर में गिरफ्तारियां भी की गयी। इस गैर कानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने की कार्यवाही की जा रही है। एकमात्र छत्तीसगढ़ पुलिस इस मामले में कार्यवाही कर रही है। अभी तक छत्तीसगढ़ पुलिस ने 449 आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
* जैसे ही छत्तीसगढ़ पुलिस को पता चला कि महादेव एप्प संचालन का केंद्र बिन्दु उत्तर प्रदेश का नोएडा शहर है जो राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भी आता है, छत्तीसगढ़ पुलिस वहां कार्यवाही करने गयी थी। जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने नोएडा में 9 सटोरियों को गिरफ्तार किया तब उत्तर प्रदेश पुलिस सहयोग करने के बजाय अपराधियों के बचाव में उतर आयी है। यूपी पुलिस ने कार्यवाही करने वाले पुलिस अधिकारियों पर धारा 365 के तहत अपहरण का अपराध दर्ज कर लिया। यही नहीं जब नोएडा पुलिस को यह जानकारी मिली कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपराधियों पर कार्यवाही करने आ रही तब उसने एक दिन पहले 9 आरोपियों को जुआ एक्ट में गिरफ्तार कर लिया ताकि छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें पकड़ न पाये और बाद में उनको मुचलके पर छोड़ भी दिया।