बिलासपुर, छत्तीसगढ़ | छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने रायपुर में एक सड़क पर अवैध रूप से जन्मदिन मनाने और सार्वजनिक यातायात बाधित करने के मामले में प्रशासन और पुलिस की भूमिका पर कड़ी नाराजगी जताई है। यह मामला दैनिक अखबार में प्रकाशित एक समाचार के आधार पर सुओ मोटो पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (WPPIL No. 21 of 2025) के रूप में दर्ज किया गया।
29 और 30 जनवरी 2025 को प्रकाशित समाचार रिपोर्ट के अनुसार, रायपुर की एक मुख्य सड़क पर शॉपिंग मार्ट के मालिक के बेटे द्वारा जन्मदिन का आयोजन किया गया। इस दौरान केक काटा गया, आतिशबाजी की गई और सड़क पर वाहन खड़े कर जाम की स्थिति उत्पन्न कर दी गई। इस सार्वजनिक उपद्रव से आम नागरिकों को काफी असुविधा हुई।
हाईकोर्ट की नाराजगी और टिप्पणियां
हाईकोर्ट ने इस घटना को लेकर राज्य प्रशासन और पुलिस की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल उठाए। न्यायालय ने विशेष रूप से यह टिप्पणी की कि—
“पुलिस गरीब और असहाय लोगों पर तो कानून की पूरी शक्ति दिखाती है, लेकिन जब कोई अमीर व्यक्ति नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे आसानी से छोड़ दिया जाता है।”
न्यायालय ने सिर्फ ₹300 के मामूली जुर्माने को ‘मजाक’ करार दिया और इसे कानून-व्यवस्था का ‘मजाक उड़ाना’ बताया।
कोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार के मुख्य सचिव को निर्देश दिया है कि—
- वह इस मामले में व्यक्तिगत रूप से हलफनामा दायर करें।
- दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई और आगे क्या कार्रवाई की जाएगी, इसकी जानकारी दें।
- भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार द्वारा क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इसका विवरण प्रस्तुत करें।
अगली सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 6 फरवरी 2025 को निर्धारित की गई है।
न्यायपालिका का सख्त रुख
इस आदेश पर न्यायमूर्ति रवींद्र कुमार अग्रवाल और मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने हस्ताक्षर किए। अदालत ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक स्थानों पर इस तरह का अराजक माहौल अस्वीकार्य है और प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी होगी।