Wednesday, February 5, 2025
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बिलासपुर: विश्व कैंसर दिवस पर अपोलो हॉस्पिटल की विशेष पहल: ‘यूनिफाई टू नोटिफाई’ अभियान…

बिलासपुर, 4 फरवरी 2025: विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर अपोलो कैंसर सेंटर ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) और राज्य ऑन्कोलॉजी एसोसिएशन के सहयोग से ‘यूनिफाई टू नोटिफाई’ अभियान की शुरुआत की है। इस राष्ट्रव्यापी अभियान का उद्देश्य भारत सरकार से कैंसर को एक अधिसूचित रोग (Notifiable Disease) घोषित करने की अपील करना है। यदि कैंसर को अधिसूचित रोग के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, तो इससे देश में कैंसर प्रबंधन और रोकथाम के प्रयासों को अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा।

कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने की आवश्यकता

भारत में हर साल लगभग 14 लाख नए कैंसर मामले दर्ज होते हैं, और यह आंकड़ा 2025 तक 15.7 लाख तक पहुंचने की संभावना है। इस तेजी से बढ़ती समस्या से निपटने के लिए कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करना आवश्यक है।

अधिसूचित रोग घोषित करने से होने वाले प्रमुख लाभ:

वास्तविक समय डेटा संग्रह (Real-time Data Collection): कैंसर रोगियों की सटीक संख्या और स्थानों की जानकारी मिलने से सही नीतियाँ बनाई जा सकेंगी।

बेहतर महामारी विज्ञान अध्ययन (Epidemiological Analysis): इससे कैंसर के प्रकार, कारण और उपचार के प्रभावों का विश्लेषण कर मानकीकृत उपचार प्रोटोकॉल विकसित किए जा सकेंगे।

रोग नियंत्रण और रोकथाम में मदद: कैंसर के खतरे को कम करने और रोगियों के लिए समय पर उपचार सुनिश्चित करने के लिए लक्षित हस्तक्षेप रणनीतियाँ बनाई जा सकेंगी।

अधिक कुशल संसाधन आवंटन: कैंसर उपचार सुविधाओं के लिए आवश्यक दवाओं, उपकरणों और विशेषज्ञ डॉक्टरों को सही स्थानों पर भेजा जा सकेगा।

संसदीय सिफारिश और विशेषज्ञों की राय

संसदीय समिति की सिफारिश:

2022 में संसद की स्थायी समिति ने कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने की सिफारिश की थी। हालाँकि, यह निर्णय अभी भी राष्ट्रीय स्तर पर लागू नहीं किया गया है।

विशेषज्ञों की राय:

डॉ. विनोद तिवारी, सहायक राष्ट्रीय सचिव, IMA:
“आईएमए इस पहल का पूर्ण समर्थन करता है। कैंसर को अधिसूचित करने से कैंसर निगरानी तंत्र में सुधार होगा और विभिन्न स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच समन्वय बढ़ेगा।”

डॉ. अमित वर्मा, वरिष्ठ कंसल्टेंट, ऑन्कोलॉजी:
“यह कदम राज्य स्तर पर कैंसर के रुझानों की बेहतर समझ विकसित करेगा, जिससे हमें कैंसर के प्रकार और जोखिम कारकों की पहचान करने में सहायता मिलेगी।”

डॉ. सार्थक मोहरिर, कंसल्टेंट, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी:
“अगर कैंसर के हर मामले का दस्तावेजीकरण किया जाए, तो इससे संसाधनों का कुशल आवंटन किया जा सकेगा और अधिक प्रभावी उपचार योजनाएँ बन सकेंगी।”

डॉ. अनिल कुमार गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, अपोलो कैंसर सेंटर, बिलासपुर:
“हम सरकार से कैंसर को अधिसूचित रोग बनाने का आग्रह कर रहे हैं और मरीजों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य सुविधाओं की भी व्यवस्था कर रहे हैं।”

विश्व कैंसर दिवस पर अपोलो कैंसर सेंटर की विशेष पहल

अपोलो कैंसर सेंटर 14 से 19 फरवरी 2025 तक कैंसर मरीजों और उनके परिजनों के लिए विशेष स्वास्थ्य सुविधाएँ प्रदान करेगा:

  • कैंसर मरीजों के परिजनों के लिए नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच।
  • फ्री सेकंड ओपिनियन (Free Second Opinion)।
  • डॉक्टर की सलाह पर एक नि:शुल्क विशेष जांच।

यह पहल उन मरीजों के लिए उपलब्ध होगी जो पिछले दो वर्षों में अपोलो कैंसर सेंटर में इलाज करा चुके हैं या जिनका इलाज जारी है।

कैंसर की वैश्विक और राष्ट्रीय स्थिति

भारत में कैंसर की अधिसूचना:

वर्तमान में 15 राज्यों—हरियाणा, कर्नाटक, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल, पंजाब, मिज़ोरम, आंध्र प्रदेश, केरल, गुजरात, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, असम, मणिपुर और राजस्थान—ने कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित कर दिया है। हालांकि, इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की जरूरत है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कैंसर की रिपोर्टिंग:

12 से अधिक देश—अमेरिका, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, डेनमार्क, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, इसराइल, क्यूबा आदि—ने कैंसर की अनिवार्य रिपोर्टिंग को मान्यता दी है।

अपोलो कैंसर सेंटर: 30 वर्षों से कैंसर देखभाल में अग्रणी

अपोलो कैंसर सेंटर 2013 से अब तक:
26,000 से अधिक कीमोथेरेपी।
5000 से अधिक सर्जरी।
43,000 से अधिक रेडिएशन सिटिंग।

अपोलो कैंसर सेंटर में 390 से अधिक ऑन्कोलॉजिस्ट्स की टीम अत्याधुनिक कैंसर उपचार प्रदान करती है।

पेंसिल बीम प्रोटॉन थेरेपी सेंटर: दक्षिण एशिया और मध्य पूर्व का पहला।
147 देशों के मरीज अपोलो कैंसर सेंटर पर भरोसा करते हैं।
अंग-आधारित (Organ-based) कैंसर उपचार मॉडल उच्च-गुणवत्ता वाली सेवाएँ सुनिश्चित करता है।

यूनिफाई टू नोटिफाई‘ अभियान भारत में कैंसर के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम है। कैंसर को अधिसूचित रोग घोषित करने से डेटा संग्रह, उपचार की गुणवत्ता और जागरूकता में सुधार होगा। अपोलो कैंसर सेंटर का यह प्रयास भारत में कैंसर की रोकथाम और उपचार की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है

आइए, हम सभी इस अभियान का समर्थन करें और कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एकजुट हों!

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