मुंगेली, छत्तीसगढ़।
लगभग एक महीने पहले घर से लापता हुई मासूम बच्ची के मामले में अब एक भयावह मोड़ आ गया है। पुलिस को कोसाबाड़ी इलाके से सटे एक श्मशान घाट के पास एक नरकंकाल और बच्चियों जैसे कपड़े बरामद हुए हैं, जिससे इलाके में सनसनी फैल गई है। यह वही क्षेत्र है, जहां से 12 अप्रैल की रात बच्ची रहस्यमय ढंग से लापता हो गई थी।
पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल ने बताया कि श्मशान घाट के पास मिले नरकंकाल और कपड़ों की पहचान फिलहाल नहीं हो पाई है, लेकिन डीएनए जांच के लिए अवशेषों को भेजा गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला लापता बच्ची से जुड़ा हो सकता है, और इन अवशेषों के जरिए जांच को एक ठोस दिशा मिल सकती है।
स्थानीय लोगों ने इस घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है। कुछ ने आशंका जताई है कि यह एक नरबलि का मामला भी हो सकता है। हालाँकि, पुलिस ने अभी तक किसी निष्कर्ष पर पहुँचने से इनकार किया है और कहा है कि डीएनए रिपोर्ट आने के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
पुलिस टीम अब श्मशान घाट और आसपास के इलाकों में गहन जांच कर रही है। लापता बच्ची की तलाश में पहले से ही लगे अधिकारियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण सुराग साबित हो सकता है। जांच दल यह पता लगाने में जुटा है कि क्या यह मामला केवल अपहरण तक सीमित है या इसके पीछे कोई अंधविश्वास या संगठित अपराध की कड़ी जुड़ी हुई है।
इस रहस्यमय मोड़ ने न केवल पुलिस को बल्कि पूरे मुंगेली जिले को हिला कर रख दिया है। मासूम बच्ची की गुमशुदगी और अब नरकंकाल की बरामदगी से लोग डरे हुए हैं और इलाके में भय का माहौल है। पुलिस ने लोगों से सहयोग की अपील की है और किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत देने को कहा है।
यह मामला अब केवल एक गुमशुदगी नहीं, बल्कि एक संभावित आपराधिक साजिश का रूप ले चुका है, जिसकी सच्चाई सामने आना बाकी है। पूरे प्रदेश की निगाहें अब इस DNA जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं।