हाईकोर्ट ने ईओडब्ल्यू व एसीबी को सूचना के अधिकार से मुक्त रखने जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली जनहित याचिका में राज्य शासन को नोटिस जारी कर पाँच सप्ताह में जवाब मांगा है।सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 लागू होने के बाद राज्य शासन ने नवंबर 2006में अधिसूचना जारी कर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को सूचना के अधिकार से मुक्त कर दिया।संस्था से आरटीआई के तहत किसी भी प्रकार की जानकारी नही ली जा सकती।2013 में फिर से एक अधिसूचना जारी कर एसीबी को भी आरटीआई के दायरे से मुक्त कर दिया।ईओडब्ल्यू व एसीबी को आरटीआई से मुक्त करने के खिलाफ चिरमिरी निवासी राजकुमार मिश्रा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनौती दी है।याचिका में कहा गया है।सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 24 में साफ़ है कि किसी भी संस्था को सूचना के अधिकार से मुक्त नही किया जा सकता।इसमें वित्तीय भष्टचार एवं मानवधिकार से जुड़ी सस्था भी सामिल है।याचिका में राज्य शासन की दोनों ही अधिसूचना को निरस्त करने की मांग की है।हाईकोर्ट ने याचिका में प्रारंभिक सुनवाई के बाद हाईकोर्ट रजिस्ट्री को याचिका को हिंदी से अंग्रेजी में अनुवाद कर प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।राज्य शासन को नोटिस जारी कर 5 सप्ताह में जवाब मांगा है
ईओडब्ल्यू व एसीबी क्यों नही आता आरटीआई के दायरे में

By अखलाख खान
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