छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के कसडोल थाना क्षेत्र में एक फुटबॉल खिलाड़ी ने पुलिस प्रताडऩा से तंग आकर रविवार शाम खुदकुशी कर ली. इस मामले में कसडोल थाना के प्रधान आरक्षक को लाइन हाजिर कर दिया गया है. बलौदाबाजार के एसडीओपी राजेश जोशी ने सोमवार को कहा कि मामले की जांच चल रही है. प्रधान आरक्षक पर आरोप है कि उसने फुटबॉल खिलाड़ी से रिश्वत मांगी थी. वहीं घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव का माहौल है. रविवार रात और सोमवार सुबह परिजनों और क्षेत्रवासियों ने उचित कार्रवाई की मांग करते हुए चक्काजाम कर प्रदर्शन किया.
एसडीओपी जोशी ने कहा, 11वीं कक्षा के छात्र 17 वर्षीय फुटबॉल खिलाड़ी आलोक यादव ने रविवार को फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. कसडोल पिथौरा मार्ग के जंगल में जाकर उसने फांसी लगाई. मौके पर कसडोल पुलिस पहुंची थी. कसडोल के हड़हापारा निवासी अलोक ने आत्महत्या का कदम क्यों उठाया, फिलहाल अज्ञात है. मामले की जांच चल रही है. परिजनों का आरोप है कि मृतक आलोक को पुलिस आरक्षक ताराचंद रात्रे ने धमकी दी थी. मामला न बनाने के एवज में रिश्वत मांगी थी. मृतक अलोक का 15 सितंबर को डांस प्रतियोगिता के दौरान एक अन्य युवक से विवाद और हाथापाई हुई थी. परिजनों के अनुसार, कसडोल थाने में मामला दर्ज हुआ था. पुलिस के धमकाने से घबराकर आलोक ने आत्महत्या की है. परिजनों की अनुपस्थिति में पोस्टमार्टम कराने का भी आरोप पुलिस पर है. परिजनों ने कहा कि 17 साल का आलोक फुटबॉल चैम्पियन था और जूनियर फुटबॉल में राष्ट्रीय स्तर पर खेल चुका था. आलोक का सपना था कि वह देश के लिए भी फुटबॉल खेले और अपने देश सहित घर परिवार का नाम रौशन करे.
परिजन बताते हैं कि आलोक को पुलिस उस गुनाह में जेल भेजने की धमकी दे रही थी, जो उसने किया ही नहीं था. आलोक के परिजनों ने कहा है कि 15 सितंबर की रात को आलोक का किसी युवक के साथ झगड़ा हो गया था और युवक ने कसडोल थाने में आलोक के खिलाफ 9,000 रुपये चोरी का आरोप लगाया. परिजनों के अनुसार, मामले की जांच कर रहे प्रधान आरक्षक ताराचंद रात्रे ने आलोक और उसके परिवार वालों से 27,000 रुपये की मांग की थी. आलोक के परिवार वालों ने पैसा देने से मना कर दिया. रविवार को प्रधान आरक्षक रात्रे दो-तीन सिपाहियों के साथ आलोक के घर पहुंचा और आलोक को गिरफ्तार करने की बात कहने लगा. आलोक घबरा गया और उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया.
आलोक की मौत से गुस्साए परिजन और आलोक के दोस्तों ने रविवार रात कसडोल थाने का घेराव किया. पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. माहौल को बिगड़ता देख मौके पर पहुंचे एएसपी ने प्रधान आरक्षक को लाइन हाजिर कर दिया. इसकी पुष्टि बलौदाबाजार एसडीओपी राजेश जोशी ने की है. एसडीओपी ने कहा कि सोमवार सुबह पुन: आलोक के परिजन और परिचित थाने पहुंचे थे, और समझाने के बाद सभी वापस लौट गए.