छठ पूजा के चौथे और आखिरी दिन आज उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसी के साथ व्रती घाट पर ही पूजा के बाद प्रसाद खाकर अपना व्रत खोलेंगे। 24 अक्टूबर को नहाय खाय के साथ शुरू हुआ ये पर्व सप्तमी को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही समाप्त हो जाएगा।
चौथे और अंतिम दिन उदीयमान सूर्य को अर्घ्य प्रदान करने के बाद छठ का समापन करते हैं जिसे पारण कहा जाता है। शुक्रवार सुबह सूर्योदय का समय 6.24 बजे है।
बिलासपुर शहर के अरपा छठ घाट के अलवा अलग-अलग घाट पर छठ पूजा के तीसरे दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे, मान्यता के अनुसार कोई भी व्यक्ति पूरे श्रद्धा भाव से व्रत कर के सूर्य देव की उपासना करता है और उन्हें अर्घ्य देता है तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और उसके कई जन्मों के पाप धुल जाते हैं।
ऐसी ही भावनाओं के साथ छट महापर्व में स्थित तिफरा घाट में सूर्यदेवता को अर्ध देते जाते हुए घाट पर अपने परिवार के साथ पहुंचे और पूजा अर्चना की।
पूजन विधि
अर्घ्य देने के लिए बांस के सूप में सभी प्रकार के फल रखकर उसे पीले कपड़े से ढ़क दें और डूबते सूरज को तीन बार अर्घ्य दें।