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राजनैतिक रसूख़ के कारण बदली मुख्य नहर की दिशा

बिलासपुर 26 फरवरी। आज कलेक्टर जनदर्शन में एक किसान ने भू-अर्जन अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ओहदेदार भाजपा नेता के एक रिश्तेदार की जमीन को बचाने के लिए नहर की दिशा को उसकी जमीन पर मोड़ दिया है, जबकि उसकी एक अन्य जमीन पहले ही मुख्य नहर के लिए अधिग्रहित की जा चुकी है। उसने जनदर्शन में कलेक्टर से न्याय की गुहार लगाई है।

तखतपुर ब्लॉक के ग्राम जोंकी निवासी रिटायर्ड शिक्षक सुरेश कुमार तिवारी सोमवार को कलेक्टोरेट पहुंचे थे। उन्होंने कलेक्टर पी दयानंद को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें बताया गया है कि अरपा भैंसाझार परियोजना के अंतर्गत माइनर नहर के निर्माण के लिए 11 जनवरी को एक अधिसूचना प्रकाशित कराई गई है। आपत्ति के लिए 60 दिनों का समय दिया गया है। इसके तहत उन्हें भू-अर्जन अधिकारी व एसडीएम कोटा के कार्यालय से एक नोटिस मिला है, जिसमें उनसे आपत्ति मांगी गई है। नोटिस में भूमि सर्वे नंबर 201, 202 रकबा 0.40 एकड़ माइनर नहर के लिए अधिग्रहित करने का उल्लेख है। उनका आरोप है कि प्रस्तावित नक्शा में इस भूमि का अधिग्रहण मुख्य नहर के लिए दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि पूर्व में मुख्य नहर निर्माण के लिए उनकी भूमि सर्वे नंबर 201, 202 व 194 में से 0.22 एकड़ अधिग्रहित की जा चुकी है, जिसका मुआवजा भी मिल गया है। विभाग द्वारा पूर्व में प्रकाशित मुख्य नहर निर्माण के नक्शे में उनके खेत के बाजू में स्थित ईंट व्यवसायी के खेत से होकर नहर निकलती। चूंकि ईंट व्यवसायी एक ओहदेदार भाजपा नेता के रिश्तेदार हैं। इसलिए उनकी जमीन को छोड़ दी गई और साजिश के तहत माइनर नहर के नाम पर तिवारी की जमीन ली जा रही है।
आपत्ति लगाने के बाद भी

निर्माण कार्य जारी

रिटायर्ड शिक्षक तिवारी ने बताया कि उन्होंने अपनी जमीन के अधिग्रहण पर आपत्ति लगाई है। इसके बाद भी उस जमीन पर नहर निकालने के लिए मशीनें लगा दी गई हैं। उन्होंने कलेक्टर से नहर निर्माण का काम रुकवाने और पूर्व में पास नक्शे के अनुसार नहर निर्माण कराने की मांग की है। मामले में कलेक्टर दयानंद ने कोटा एसडीएम से रिपोर्ट मांगी है।

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