जस्टिस लोया के संदेहास्पद मौत के मामले में दायर कि गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस बीच इस पूरे मामले को सबसे पहले लाने वाले कारवां मैगज़ीन के पत्रकार की रिपोर्ट पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. आरोप लग रहे हैं कि उनकी ये रिपोर्ट राजनीति से प्रेरित है. खुद महाराष्ट्र सरकार की पैरवी कर रहे वकील मुकुल रोहतगी ने जांच की मांग का विरोध करते हुए कहा था कि, राज्य सरकार ने जज लोया के मौत की जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया था. इसके इलावा उन्होंने ये भी आरोप लगाया था कि Caravan Magazines में छपी रिपोर्ट पूरी तरह से गलत है.
ledeindia.com के अनुसार इस बीच इस पूरे मामले को सामने लाने वाले पत्रकार निरंजन टकले ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए ये सवाल खड़े किये हैं कि सच्चाई सामने लाने के बजाय सरकार रिपोर्ट को झूठा साबित क्यों करना चाहती है ? अगर रिपोर्ट राजीनीति से प्रेरित है तो इसकी निष्पक्ष जांच के आदेश क्यों नहीं दे दिए जाते. ledeindia.com के अनुसार पत्रकार निरंजन टकले में इस पूरे मामले में पहली बार बोलते हुए पुछा है कि, अगर उनकी रिपोर्ट गलत है तो इस मामले कि जांच कराकर उनके इस सवालों का जवाब सरकार दे. उन्होंने इस मामले से सरकार से करीब पंद्रह सवाल पूछे हैं उन्होंने जज लोया की मौत पर जो सवाल खड़े किए हैं, उसका जवाब जानना बेहद जरुरी है : सवाल:
1) जज लोया नागपुर के जिस रवि भवन vvip गेस्ट हाउस में लोया रुके थे. उस भवन के गेस्ट लिस्ट में उनका रिकॉर्ड क्यूँ नहीं है ?
2) जज लोया के मौत से ठीक एक हफ्ते पहले उनकी सिक्यूरिटी क्यूँ हटाई गई थी ?
3) न सिर्फ जज लोया की सिक्यूरिटी हटाई गई बल्कि उनके साथ रहने वाले जज मोदक और जज कुलकर्णी के भी सिक्यूरिटी गार्ड वहां पर नहीं थे, क्या उनकी सिक्यूरिटी हटाई गई थी?
4) पोस्टमॉर्टेम रिपोर्ट में मृत्यु का समय 10 बजकर 50 से 11 बजकर 50 मिनट बताया गया है, फिर क्यूँ जज लोया के परिवार वालों को इसकी जानकारी सुबह 5 बजे क्यूँ दी गई है ? और पोस्टमॉर्टेम होने बाद उनकी लाश को लातूर क्यूँ और किस्से पूछकर भेजा गया था .
5) जबकि जज लोया का परिवार मुंबई में रह रहा था, तो उनके बॉडी को लातूर के गेट गाँव में किससे पूछकर भेजा गया. और किसने उनकी लाश को लातूर भेजने का निर्णय लिया और क्यूँ ?
6) रिपोर्ट में बताया गया है कि लोया की मौत 6 बजकर 15 मिनट पर हुई थी, और उनके परिवार उसके पहले ही सूचित कर दिया गया था. 7) जब लोया को सिने में दर्द की शिकायत थी, तो उन्हें दांडे हॉस्पिटल के ओर्थपेडीक विभाग में क्यूँ ले जाया गया ?
8) जब दो अन्य जज ये दावा कर रहे है कि, उन्होंने लोया को अपनी कार से अस्पताल ले गए थे तो रवि भवन का सीसीटीवी फुटेज सार्वजानिक क्यूँ नहीं किया जा रहा है ?
9) न्यायमूर्ती राठी ने सुप्रीम कोर्ट में लिखित दिया था कि दांडे हॉस्पिटल का एइसिजी मशीन ख़राब था उसका नोड्स टुटा हुआ था. उसके बावजूद लोया का ECG रिपोर्ट दिखाया जा रहा है जो शंका उत्पन करता है. और उस रिपोर्ट में पेशेंट और हॉस्पिटल का नाम हाथ से लिखित है बाकि सब प्रिंटेड है.
10) उसके बाद जज लोया को मेडिट्रीना हॉस्पिटल में ले जाया गया है. जहाँ पर उनके दाखिल होने का समय 6 बजकर 27 मिनट का है, और उनके मौत का समय 6 बजकर 15 मिनट है. जब उनकी मौत अस्पताल में भर्ती कर के पहले हो चुकी थी, तो अस्पताल के बिल पर ये क्यों दिखाया गया है कि जज लोया के सिर का ऑपरेशन किया गया है और nutrition कंसलटेंट फीस कैसे और क्यूँ लगाया गया है. और लोया के सर पर ऐसा कौनसा ऑपरेशन किया गया है.
11) जिस रवि भवन में जज लाया रुके थे वहां 12th March से 15th March के बीच कौन रुका था ? और क्यों ?
12) क्यों इस मामले में अब तक दो जजों और परिवार के चार सदस्यों द्वारा सर्वोच्या न्यालय में कोई एफिडेविट फ़ाइल नहीं किया गया ? 13) जज लोया के बेटे अनुज लोया और उनके परिवार के लोगों 20 नवम्बर से अब तक के फ़ोन रिकॉर्ड सार्वजनिक क्यों नहीं किये जाते ? 14) अगर जज लोया कि मौत संदेहास्पद नहीं है तो क्यों AIIMS के पूर्व डायरेक्टर ने मौत पर सवाल क्यों खड़े किये हैं ? ऐसे कई सवाल हैं जिसका जवाब सारा देश जानना चाहता है. जज लोया कि मौत सामान्य थी तो क्यों सरकार इस मामले कि जांच के बजाय उसे रोकने के लिए महंगे वकीलों कि फ़ौज खड़ा कर रही है.