फेक न्यूज मामला : केंद्रीय मंत्री ईरानी की पहल, पत्रकारों और संगठनों से मांगे सुझाव
पत्रकारों के बीच में ऐसे नकली पत्रकारों की पहचान करना जो ‘फेक-न्यूज’ पैदा कर उसे मीडिया में फैलाने का काम करते हैं, उन्हें कैसे रोका जाए? इस सवाल पर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय सोमवार देर शाम को जर्नलिस्ट एक्रीडीटेशन-रूल्स में बदलाव कर ये तय करता है कि जो भी पत्रकार फेक-न्यूज में लिप्त पाया जाएगा उनको केंद्र सरकार से मिलने वाली प्रेस-कार्ड की मान्यता को क्रमवार रद्द किया जाएगा।
पत्रकारों के बीच इस नए नियम को लेकर जैसे ही भारी प्रतिक्रिया मंत्री स्मृति ईरानी को मिली तो उन्होंने तुरंत सार्थक पहल करते हुए पत्रकारों और पत्रकार संगठनों के लिए मंत्रालय के दरवाजे खोल दिये। उन्होंने एक के बाद एक ट्वीट कर कहा, पीआईबी एक्रीडीटेशन के लिए संशोधित गाइडलाइन ने प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन को फेक-न्यूज की परिभाषा तय करने और उस पर कार्रवाई करने को लेकर हुए निर्णय पर एक बहस छिड़ गई। कुछ पत्रकारों और संगठनों ने इस मामले में सकारात्मक सुझाव भी दिए हैं।
मंगलवार दोपहर 12 बजकर 17 मिनट को इस ट्वीट के दो मिनट के बाद ही दूसरा ट्वीट करते हुए स्मृति ने लिखा, फेक-न्यूज के खतरे से निपटने और ऐसे तत्वों से हमलोग मिलकर कैसे लड़ें ताकि नैतिक पत्रकारिता को बढ़ावा मिले, अगर कोई पत्रकार या संगठन इस संबंध में अपना सुझाव देना चाहते हैं तो वे मुझसे मंत्रालय में आकर मुलाकात कर सकते हैं। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के नए नियम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखले के बाद वापिस ले लिया गया, मगर स्मृति ईरानी बातचीत के लिए एक नया दरवाजा खोलकर मोदी सरकार में नई पद्धति का आगाज किया है।
पत्रकारों ने पीएम को कहा-
शुक्रिया इस आदेश के खिलाफ सोशल मीडिया पर पत्रकारों का रोष प्रेस-रीलीज जारी होने के बाद से ही दिखने लगा था। पत्रकार और पत्रकार संगठनों ने इस मामले में प्रेस क्लब में आपात बैठक बुलाकर ऐसी किसी भी कोशिश की भर्त्सना करते हुए इसे प्रेस की आजादी पर ग्रहण करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सभी पत्रकार संगठनों ने समय पर हत्सक्षेप कर विवादित नियम को वापिस करने पर साधुवाद भी दिया।