बिलासपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में तेंदूपत्ते के प्रकरण में पैरवी करने आये मध्य प्रदेश से जाने माने वकील एवं राज्य सभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने पत्रकारों से चर्चा के दौरान केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने केंद्र सरकार की रणनीति को देश के लिए खतरा बताते हुए 21 अप्रेल को जबलपुर मध्य प्रदेश में “प्रजातंत्र एवं संविधान बचाओ आंदोलन” करने का संकल्प लिया है।
विदित हो कि आज छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में केस की पैरवी करने आये देश के जाने माने वकील एवं राज्य सभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा ने जस्टिस तन्खा मेमोरियल स्कूल में पत्रकारों से चर्चा के दौरान केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए प्रजातंत्र और संविधान के लिए खतरा बताया है। उन्होंने केंद्र सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस प्रकार सरकार संसद को ठप कर रही है उससे देश की आजादी पर बड़ा खतरा बताया है। उन्होंने न्यायपालिका में केंद्र सरकार के हस्तक्षेप को अनुचित ठहराते हुए न्यायपालिका की ईमानदारी एवं प्रतिष्ठित छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है। जबकि देश के 18 उच्च न्यायालय में अभी भी मुख्य न्यायाधीशो की नियुक्ति नही हो सकी है। अगर नियुक्ति की जाती है तो भारतीय जनता पार्टी के बड़े-बड़े नेताओं पर चल रहे प्रकरणों के जल्द निपटारे एवं उन्हें जेल जाने से नही रोक जा सकता। उन्होंने प्रेस और मीडिया के ऊपर हो रहे हमलों को सरकार की निष्क्रियता का प्रमाण होना बताया है। हाल ही मध्य प्रदेश सरकार द्वारा बाबाओ को मंत्री बनाये जाने के सवाल पर उन्होंने मध्यप्रदेश मंत्री मण्डल में दर्जा देने को असंवैधानिक बताते हुए कहा की सरकार ने नर्मदा किनारे पौधरोपण और जल संरक्षण की जनजागरूकता के लिए गठित समिति में पांच बाबाओं को सदस्य बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा देकर उपकृत किया है। इनमें कंप्यूटर बाबा, पं. योगेंद्र महंत, नर्मदानंदजी, हरिहरानंदजी और भय्यूजी महाराज के नाम शामिल हैं। कंप्यूटर बाबा और पं. योगेंद्र महंत ने ‘नर्मदा घोटाला रथ यात्रा’ निकालने की धमकी दी थी लेकिन, राज्यमंत्री का दर्जा मिलते ही उनके सुर बदल गए। उन्होंने सभी बाबाओ को ब्लैकमेल बाबा की संज्ञा दी है। उन्होंने यहां भी कहा कि आगामी विधानसभा चुनावों में छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है।