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लालकिला गोद देने पर विपक्ष ने बताया इतिहास का काला दिन, पर्यटन मंत्रालय ने दिया जवाब

लालकिला गोद देने पर विपक्ष ने बताया इतिहास का काला दिन, पर्यटन मंत्रालय ने दिया जवाब

लालकिला को कॉन्ट्रेक्ट पर गोद देने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को आड़े हाथ ले लिया है। कांग्रेस, माकपा और टीएमसी जैसी विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार पर देश की स्वतंत्रता के प्रतीकों को आभासी तौर पर कॉरपोरेट घराने को सौंपने का आरोप लगाया है। बता दें कि, केंद्र सरकार की ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ स्कीम के तहत लाल किला देश की ऐसी पहली ऐतिहासिक इमारत बन गया है जिसे डालमिया ग्रुप ने 5 साल के कॉन्ट्रेक्ट पर गोद लिया है। यह डील 25 करोड़ रुपए में हुई है। डालमिया ग्रुप ने ये कॉन्ट्रैक्ट इंडिगो एयरलाइंस और जीएमआर ग्रुप को हराकर जीता है।

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की आजादी के प्रतीक लाल किले को कॉरपोरेट के हाथों बंधक रखने की तैयारी कर रहे हैं। क्या मोदी जी या भाजपा लाल किले का महत्व समझती हैं। क्या यह सच नहीं है कि यह निजी कंपनी लाल किला देखने के लिए टिकट जारी करेगी। क्या आप लाल किला जैसे स्वतंत्रता आंदोलन के प्रतीक को रख-रखाव के लिए अपने कॉरपोरेट दोस्तों को दे सकते हैं?

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया कि, क्या सरकार हमारे ऐतिहासिक लाल किले की देखभाल भी नहीं कर सकती? लाल किला हमारे राष्ट्र का प्रतीक है। यह ऐसी जगह है जहां स्वतंत्रता दिवस पर भारत का झंडा फहराया जाता है। इसे क्यों लीज पर दिया जाना चाहिए? हमारे इतिहास का दुखद और काला दिन है।

वहीँ पर्यटन मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि, इस ऐतिहासिक धरोहर के लिए डालमिया भारत लिमिटेड के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर सिर्फ उसके विकास, परिचालन और रखरखाव के लिए किया गया है। कंपनी को 17वीं सदी के इस प्राचीर के आसपास के सिर्फ गैर-जरूरी क्षेत्रों में रहने की इजाजत है। धरोहर गोद लेना राजस्व न जुटाने वाली किसी परियोजना के लिए जरूरी है। यह जवाबदेह पर्यटन का हिस्सा है जिसके तहत कंपनी के सीएसआर फंड के इस्तेमाल से लाल किले का रखरखाव किया जाएगा। सरकार की मोनुमेंट मित्रा योजना में सीएसआर फंड का इस्तेमाल जरूरी किया गया है।

बता दें कि, ‘अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ (एडॉप्ट ए हेरिटेज) प्रोजेक्ट के तहत लालकिला पहली ऐतिहासिक इमारत बन गई है, जिसे गोद लिया गया है। 77 साल पुरानी डालमिया ग्रुप ने इंडिगो एयरलाइंस व जीएमआर भारत को पीछे छोड़ते हुए यह कॉन्ट्रैक्ट जीता है। इसी के साथ डालमिया रख-रखाव की जिम्मेदारी ली है। ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ प्रोजेक्ट राष्ट्रपति द्वारा 17 सितंबर 2017 को लागू किया गया था। इसके बाद कई कंपनियों ने ऐतिहासिक इमारतों को गोद लेने की इच्छा जताई थी। इसी के तहत 24 अप्रैल को डालमिया ग्रुप ने यह डील साइन की।

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